
नई दिल्ली. उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच लगातार कुछ समय से तनातनी चल रही है। तो वहीं अब उत्तर कोरिया ने एक बड़ा दावा किया है। जिसने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच युद्ध जैसे हालात बन सकते हैं।
उत्तर कोरिया ने दावा किया कि लगभग 8,00000 नागरिकों ने स्वेच्छा से अमेरिका के खिलाफ लड़ने के लिए देश की सेना में शामिल होने की इच्छा जताई है।
उत्तर कोरिया के सरकारी अखबार रोडोंग सिनमुन अखबार ने बताया कि अकेले लगभग 8 लाख छात्रों और श्रमिकों ने अमेरिका का मुकाबला करने के लिए सेना में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका-दक्षिण कोरिया के चल रहे सैन्य अभ्यास के जवाब में उत्तर कोरिया ने गुरुवार को अपनी ह्वासोंग-17 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) लॉन्च की थी।
जिसके बाद उत्तर कोरिया ने यह दावा किया कि देश के 8 लाख लोग उत्तर कोरिया की सेना में स्वंय से शामिल होना चाहते हैं। दक्षिण कोरिया-यूएस फ्रीडम शील्ड अभ्यास के बीच उत्तर कोरिया ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल, Hwasongpho-17 लॉन्च किया, जिसे देश ने “आक्रामकता के युद्ध की तैयारी” के रूप में दर्शाया है।
मिसाइल के प्रक्षेपण के बाद, उत्तर कोरिया ने पुष्टि की कि बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च करने की अहम वजह अमेरिका और दक्षिण कोरिया के लिए उनके उत्तेजक और आक्रामक बड़े पैमाने के युद्ध अभ्यास के लिए “कड़ी चेतावनी” थी।
उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी KCNA के मुताबिक उत्तर कोरिया का कहना है कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच चल रहा युद्ध अभ्यास उत्तर कोरिया को उकसावे वाली गतिविधि है। दोनों देश बड़े पैमाने पर आक्रामक युद्धाभ्यास का आयोजन कर उसे उकसा रहे हैं।
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