मुजफ्फरनगर. जमियत उलमा ए हिंद बुढाना शाखा की और से बकरीद पर प्रतिबंधित जानवरों तथा खुले में कुरबानी न करने की अपील की गई। इसके साथ ही कुरबानी के अवशेष खुले में न डालकर सुरक्षित स्थान पर मिट्‌टी में दबाने एवं साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने की अपील भी मुस्लिम समाज के लोगों से की गई।

शुक्रवार को जमीयत उलमा-ए-हिन्द शाखा बुढ़ाना के नगर अध्यक्ष हाफिज़ शेरदीन व हाफिज़ तहसीन तथा जिला सचिव मौ. आसिफ क़ुरैशी ने ईद-उल-अज़हा की दिली मुबारकबाद देते हुये विशेष अपील जारी की है। बुढाना में उन्होंने अपनी अपील में कहा कि 10 जुलाई 2022 को ईद-उल-अज़हा (बकरीद) का त्यौहार है। जिसमे 12 जुलाई 2022 तक क़ुरबानी के अमल को किया जाता है।

जमीयत उलमा-ए-हिन्द बुढ़ाना के पदाधिकारियों ने कहा कि मुसलमान कुरबानी के अमल को बड़ी अहमियत ओर एहतियात के साथ करे। अपील की कि जानवरो की क़ुरबानी पर्दे में करें, खुले में क़ुरबानी करने से बचे। प्रतिबंधित जानवरों की क़ुरबानी बिल्कुल न करें। जहां जहां क़ुरबानी की जाये वहां को कोई फ़ोटो न ले। जानवरो के कुरबानी के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल न करें। साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखे और किसी भी तरह की गंदगी न होने दें। बचे अवशेषों को गड्‌ढा खोदकर दबा दें।

अमियत पदाधिकारियों ने अपील की कि कुरबानी के जानवर का मीट का वितरण को खुला न करें, थैले या किसी बन्द बर्तन में ही मीट को आपस में वितरण किया जाये। खासतौर से गरीबों का ख्याल रखते हुए मीट का वितरण किया जाये। शासन प्रशासन की गाईडलाइन का पालन किया जायें एवम प्रशासन का सहयोग करें। इस अपील को जमीयत उलमा ने सोशल मीडिया पर डाला है, तथा धार्मिक स्थलों में पोस्टर पम्लेट के रूप प्रकाशन किया है ।