गांव अहरोड़ा निवासी पुलिस विभाग में दरोगा रहे जबर सिंह के तीन बेटे विजयपाल, अजयपाल और बिल्लू थे। करीब 30 साल पहले पूर्व प्रधान मांगेराम पुत्र बुध सिंह ने अपने एक साथी मांगे पुत्र पीतम सिंह के साथ मिलकर दरोगा के बेटे बिल्लू (20) की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बिल्लू हत्याकांड में दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था, जिसमें दोनों करीब ढाई साल तक जेल में रहकर जमानत पर बाहर आए थे।

जेल से बाहर आने के कुछ समय बाद ही बेटे की हत्या से गुस्साए दरोगा जबरसिंह पक्ष ने पूर्व प्रधान के साथी मांगे की गांव में गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस समय पूर्व प्रधान ने ग्रामीणों की मध्यस्थता से दरोगा व उनके परिवार से माफी मांगकर अपनी जान बचाई थी। करीब आठ साल पूर्व सेवानिवृत्त हो चुके दरोगा जबरसिंह की मौत हो चुकी है। उनका बेटा विजयपाल और तीन पोते पूर्व प्रधान से रंजिश रखते थे। पीड़ित परिजनों का कहना है कि बिल्लू की हत्या के बाद से ही दरोगा के परिजन पूर्व प्रधान मांगेराम को माफी देने के बावजूद उससे रंजिश रखते थे। आरोप है कि इसी के चलते मांगेराम की बृहस्पतिवार सुबह हत्या कर दी।

मांगेराम की हत्या के मामले में उसके बेटे युद्धवीर ने गांव के ही सेवानिवृत्त दरोगा के परिवार के चार सदस्यों को नामजद कराया है। सभी हत्यारोपी गांव से फरार हैं। थाना पुलिस ने उनके परिवार की एक महिला को हिरासत में भी लिया है। महिला को हिरासत में लिए जाने का परिजनों ने विरोध भी किया, लेकिन पुलिस ने किसी की एक न सुनी और महिला को थाने ले गई।

गांव अहरोड़ा में करीब 30 साल पूर्व दरोगा जबरसिंह के बेटे बिल्लू की हत्या के बाद उसके हत्यारोपी मांगे की दरोगा पक्ष ने ही हत्या कर दी थी। इसके कुछ समय बाद गांव में दो अन्य पक्षों के बीच जमीन संबंधी विवाद में एक साथ चार ग्रामीणों की हत्या कर दी गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ समय से सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन अब पूर्व प्रधान की हत्या के बाद एक बार फिर से गांव में रंजिश का दौर शुरू हो सकता है।