मुजफ्फरनगर के सिसौली में रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि कमजोर का साथ देना हमारे खून में है। हम सब लोग लखीमपुर खीरी के पीड़ित किसानों के दर्द को महसूस कर रहे हैं। किसानों पर अत्याचार करने वाली सरकार के खिलाफ युद्ध का न्योता देने आया हूं।
भाकियू संस्थापक चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के जन्मदिन को सिसौली में लखीमपुर के किसानों को श्रद्धांजलि सभा के रूप में मनाया गया। मुख्य अतिथि रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि किसानों की मौत के बाद पूरे देश में शोक की लहर है। आंदोलन भी होते हैं, हिंसा भी हो जाती है, लोग मारे भी जाते हैं, लेकिन कभी इस तरह किसानों को रौंदा नहीं गया।
उन्होंने कहा कि हमें यह देखना होगा कि हमारे से चूक कहां हुई, हमने ऐसा क्या कर दिया जो इस तरह की घटना हम लोगों के साथ हो रही है। भाजपा ने झूठ फरेब का महल खड़ा करके हम लोगों को बहकाया है। आपको 2022 के लिए भाजपा से युद्ध का न्योता देने आया हूं। हमें अपने लोगों को समझाना होगा। इसके लिए सभी को निकलना पड़ेगा। हमें अपना इतिहास याद करना होगा। हमने हमेशा हनुमान बनकर पीड़ित की मदद की है। हमारे संस्कारों और खून में है कमजोर का साथ देना।
चौधरी चरण सिंह और चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने हमेशा कमजोर की लड़ाई लड़ी है। जो घटना लखीमपुर खीरी में हुई है उसका दर्द हम सब महसूस कर रहे हैं। लखीमपुर मैं गया था, मृतक किसान 18 साल के लवप्रीत के परिवार से मिला। मां का रो-रोकर बुरा हाल है। वह कुछ भी बात करने को तैयार नहीं है। दो छोटी बहने हैं, पढ़ी लिखी हैं। परिवार के पास बहुत कम जमीन है। जब मैंने कहा कि बेटा माता-पिता का ध्यान रखना तो बड़ी बेटी ने आंखों में आंसू लाते हुए कहा कि हम रखेंगे अब इनका ध्यान। हमें सरकार से पैसा नहीं चाहिए हमें तो न्याय चाहिए। भाई के हत्यारों को सजा मिलनी चाहिए। यह कहते हुए जयंत भावुक हो गए और उनकी आंखें भर आईं। इसके बाद वह भाषण नहीं दे पाए।