मुजफ्फरनगर ।चौधरी जयंत सिंह की खामोशी ने गठबंधन में शोर मचा दिया है। बताया जा रहा है कि विधायकों को दिल्ली बुलाकर जल्द ही मंथन करेंगे।
सपा के साथ सीटों के बंटवारे पर पेंच फंसने के बाद रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह की खामोशी ने गठबंधन में शोर मचा दिया है। सियासी गलियों में भाजपा से नजदीकियां बढ़ने पर खूब तर्क किए जा रहे हैं। रालोद के रणनीतिकार भी असमंजस में फंसे हुए हैं। लखनऊ में विधानसभा सत्र बीच में ही छोड़कर विधायकों को दिल्ली से बुलावा दिया गया था, लेकिन फिर एन वक्त पर इंतजार करने के लिए कह दिया गया। उठापटक के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह ने लखनऊ में गठबंधन का एलान किया था। रालोद को सात सीटें दी गई, लेकिन इनमें चार सीटों पर प्रत्याशी सपा के रखे जाने की शर्त ने गठबंधन में पेंच फंस गया।
रालोद नेताओं ने कैराना और बिजनौर सीट सपा प्रत्याशियों को देने पर सहमति भी दे दी थी। लेकिन मुजफ्फरनगर और हाथरस सीट को लेकर दोनों दलों के बीच दूरियां बन गई। इसी दौरान चर्चा शुरू हो गई कि रालोद अध्यक्ष की भाजपा से गठबंधन की बात हुई है।
बातचीत की पुष्टि नहीं हुई, लेकिन सियासी गलियों में सबने अपने-अपने समीकरण लगाने शुरू कर दिए। रालोद नेतृत्व ने अभी तक न तो इन्कार किया और न ही इकरार, जिस कारण चर्चाओं ने दिनभर तेजी पकड़ी।