(अंबाला) शहजादपुर। तीन कृषि कानून और जमीन अधिग्रहण कानून के विरोध में शनिवार को अनाजमंडी शहजादपुर में भारी संख्या में किसान एकजुट हुए। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के आह्वान पर यह सभा बुलाई गई थी। लेकिन इसी दौरान भाकियू भाईचारा गुट के प्रदेशाध्यक्ष नरपत सिंह राणा की अगुवाई में किसान काले झंडे लेकर यहां पहुंच गये और भाकियू प्रदेेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर देखते ही देखते दोनों गुटों में पहले लाठी-डंडे चले और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई, जिसमें नरपत राणा गुट सहित उनके गुट के पांच लोग जख्मी हो गए। सूचना पर थाना प्रभारी शहजादपुर जसवंत सिंह, डीएसपी नारायणगढ़ अनिल कुमार मौके पर पहुंचे व मामले को शांत करवाया।

गुरनाम सिंह चढूनी को शहजादपुर अनाजमंडी में सुबह नौ बजे पहुंचना था। लेकिन वह करीब सवा 11 बजे सभा में पहुंचे। इसके कुछ ही देर बाद नरपत राणा का गुट मौके पर पहुंचकर विरोध करने लगा। तभी दोनों ओर से लाठी-डंडे और पत्थरबाजी में नरपत राणा उनके भाई कंवरपाल राणा और पुत्र संदीप राणा के अलावा पंचकूला से जिला प्रधान ब्रह्मपाल बगवाली, महामंत्री गुड्डू बगवाली घायल हो गए। पुलिस की मदद से घायलों को शहजादपुर सीएचसी ले जाया गया, जहां उनका उपचार चल रहा है।

चढूनी बोले-किस बात को लेकर लड़ाई हुई जानकारी नहीं, नरपत ने जान से मारने की धमकी देने का लगाया आरोप
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन और यूपी में संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग को लेकर बैठक बुलाई गई थी। इस दौरान किस बात को लेकर लड़ाई हुई है, उन्हें कोई जानकारी नहीं है। दूसरी ओर नरपत राणा का कहना है कि वह गुरनाम सिंह चढूनी द्वारा पंजाब में पार्टी बनाए जाने का विरोध कर रहे थे। तभी चढूनी गुट के सदस्यों ने उन पर हमला कर दिया और परिवार सहित जान से मारने की धमकी भी दी।

नरपत राणा द्वारा विरोध करने की सूचना देने के बाद भी पुलिस की ओर से अनाज मंडी में कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। जबकि इससे पहले भी 2019 में शुगर मिल बनोंदि में भुगतान को लेकर हुए धरने में दोनों में झगड़ा हो गया था।
कुछ किसान आपस में उलझ गए थे। जैसे ही हमें सूचना मिली तो मौके पर पहुंचकर मामले को शांत करवाया गया। यदि कोई शिकायत आएगी तो उसके बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।