मुजफ्फरनगर। एनसीआर के शहरों की हवा फिर खराब होने लगी है। बृहस्पतिवार को सबसे प्रदूषित शहरों में मुजफ्फरनगर पहले और मेरठ दूसरे नंबर पर रहा। जिले का एक्यूआई 305 रहा।

इस सीजन में यह पहली बार है जब मुजफ्फरनगर का एक्यूआई 300 के पार पहुंचा है। सेहत के नजरिए से यह इमरजेंसी की श्रेणी में आता है। ऐसे में लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। बृहस्पतिवार को जिले की हवा की सेहत खराब रही। सांस और आंखें की बीमारियां बढ़ने का खतरा है। इसके अलावा त्वचा संबंधी रोग भी बढ़ सकते हैं।

हवा की सेहत खराब होने के कारण सांस और अस्थमा के रोगियों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। फिजिशयन डॉ. रविंद्र सिंह का कहना है कि ऐसे समय में सांस के रोगियों को घर से बाहर कम से कम निकलना चाहिए। किसी तरह की दिक्कत होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी स्थिति में मास्क का प्रयोग जरूरी है। कोरोना के संक्रमण से बचाव के अलावा मास्क खराब हवा से भी सुरक्षा प्रदान करता है। इसके अलावा चश्मे का प्रयोग करना चाहिए।

जिले में चल रहे निर्माण कार्य, ईंट भट्टे और सडक़ों पर दौड़ रहे वाहनों से प्रदूषण फैल रहा है। इससे हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
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