मेरठ/शामली। आईएसआई की वेस्ट यूपी के जिलों में गहरी जड़ें हैं। इस बार कैराना के सलीम उर्फ टुइया का आईएसआई से कनेक्शन निकलना बताया गया है। बिहार के दरभंगा ब्लास्ट में सलीम और कासिम उर्फ कफील की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आई है। मीडिया में आ रही खबरों में पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि दरभंगा ब्लास्ट कराने की जिम्मेदारी आईएसआई से सलीम को मिली थी। ब्लास्ट करने का ठेका तेलंगाना के एक युवक को दिया गया। इसे लेकर करोड़ों रुपये की फंडिंग हुई है।

एनआईए और एटीएस की टीम अभी मामले की छानबीन में लगी है। कैराना के दोनों युवकों से सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। वहीं इस मामले में कफील के पिता मीडिया के सामने आए है। उन्होंने कहा मेरे बेटे को बेवजह फंसाया जा रहा है। वह चाहते हैं कि इस मामले में दूध का दूध, पानी का पानी होना चाहिए।

पुलिस सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान में रहने वाले एक युवक के माध्यम से सलीम का आईएसआई से संपर्क शुरू हुआ। आईएसआई एजेंट ने वेस्ट यूपी में आतंकी धमाके की बात सलीम से की। बताया गया है कि दरभंगा ब्लास्ट को लेकर आईएसआई की पहली बातचीत कैराना के सलीम से हुई।

सलीम ने अपने गांव के ही दोस्त कासिम उर्फ कफील को अपने प्लान में शामिल कर लिया। इसके बाद ही सलीम ने तेलंगाना के सिकंदराबाद के युवकों से मिलकर दरभंगा ब्लास्ट की साजिश की। इस मामले में दोनों का कनेक्शन होने का इनपुट पुलिस के एक अधिकारी को मिला था। इसके बाद दोनों को शामली पुलिस ने पकड़ा। बाद में एनआईए-एटीएस की टीम ने कैराना में डेरा डाल दिया। अब सुरक्षा एजेंसियों ने पुराना रिकॉर्ड भी खंगाला है और पड़ताल जारी है। पुलिस का दावा है कि दोनों पर अब बड़ी कार्रवाई की तैयारी है।

17 जून को दरभंगा ब्लास्ट में आईएसआई ने करोड़ों रुपये की फंडिंग की है। बताया गया कि आईएसआई ने सारी फंड़िंग कैराना के दोनों युवकों के माध्यम से की है। इनके मोबाइल की कॉल डिटेल्स भी सुरक्षा एजेंसियों ने खंगाली है।

कैराना के युवकों की आईएसआई से क्या-क्या बातचीत हुई और उनकी आगे की प्लानिंग क्या है, इसका पता लगाने का सुरक्षा एजेंसियां प्रयास कर रही है। सुरक्षा एजेंसियों ने पुलिस के माध्यम से कैराना के कई लोगों के बैंक खातों की भी जानकारी जुटाने का प्रयास किया है।

कैराना के दोनों युवकों से सुरक्षा एजेंसियों पूछताछ करने में लगी है। एनआईए ने कैराना में डेरा डाल लिया है। कैराना पलायन का मुद्दा बड़ा था, जिसकी गूंज पूर्व सांसद हुकुम सिंह ने संसद तक की थी। उसी कैराना का अब आईएसआई से कनेक्शन निकला बड़ा विषय बन रहा है। आईएसआई ने कैराना के युवकों को अपने जाल में फंसाकर वेस्ट यूपी के अलावा दूसरे राज्य में धमाका करने की साजिश रची हुई है। इसको लेकर सुरक्षा एजेंसियों बारीकी से छानबीन कर रही है।

बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून को कपड़े की एक गठरी (पार्सल) में धमाका हुआ था। पार्सल भेजने वाले का नाम-पता सूफियान निवासी सिकंदराबाद (आंध्र प्रदेश) लिखा था, जबकि उस पर लिखा मोबाइल नंबर कैराना कस्बे के एक व्यक्ति का निकला। 23 जून को पुलिस ने इस प्रकरण में कैराना कस्बे के मोहल्ला बिसातियान आलखुर्द निवासी सलीम उर्फ टुइया और कासिम उर्फ कफील को हिरासत में लिया है। सूत्रों ने बताया कि दोनों संदिग्धों का पार्सल ब्लास्ट से कनेक्शन पाया गया है। दोनों से गोपनीय स्थान पर पूछताछ चल रही है। एसपी सुकीर्ति माधव का कहना है कि दो लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। मामले की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।