मुज़फ्फरनगर / खतौली। नगर पालिका परिषद के चेयरमैन शाहनवाज अली को उच्च न्यायालय ने स्थगनादेश दिया है। शासन की ओर से उनके वित्तीय अधिकार सीज किए गए थे। जिस पर शाहनवाज अली ने कोर्ट की शरण ली थी। समर्थकों में खुशी की लहर है।
नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद की सीट पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित की गई थी। जिस पर शाहनवाज अली ने रालोद के सिंबल पर चुनाव लड़ा था। चुनाव में उन्हें जीत मिली थी।
इसके बाद निर्दलीय चुनाव लड़े कृष्ण पाल सैनी तथा कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़े जमील अंसारी ने शाहनवाज अली के जाति प्रमाणपत्र पर सवाल उठाते हुए अधिकारियों को शिकायत की थी। जांच के बाद डीएम ने प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया था। लेखपाल विपिन मोतला की ओर से शाहनवाज अली के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। करीब एक माह पूर्व शासन ने आदेश जारी कर चेयरमैन के वित्तीय अधिकार सीज कर दिए थे और एसडीएम खतौली अपूर्वा यादव को नगर पालिका परिषद का प्रशासक नियुक्त किया था।
चेयरमैन शाहनवाज अली ने हाईकोर्ट की शरण ली। शाहनवाज अली ने बताया कि कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई तथा शासन के वित्तीय अधिकार सीज के आदेश पर उच्च न्यायालय से उन्हें स्टे मिला है। चेयरमैन ने बताया कि जब से वह चुनाव जीते हैं तभी से उनके विरोधी उनके खिलाफ चाल चल रहे हैं। इस लड़ाई को अंतिम दम तक लड़ता रहूंगा। नगर निवासी सन्नी काजी एडवोकेट और अधिवक्ता अमित गुप्ता पैरवी कर रहे हैं।