हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ या किसी भी धार्मिक कार्य में शंख बजाने की परम्परा सदियों पुरानी है. सनातन धर्म में शंख को धार्मिक मान्यता दी गई है. आज भी हिन्दू परिवारों में लोग शंख को अपने पूजा घर में रखते हैं और पूजा के वक्त इसको नियमित रूप से बजाते हैं. इसलिए हमारे लिए यह जानना जरुरी है कि शंख का उपयोग सिर्फ पूजा-पाठ में ही होता है या इसे बजाने से कुछ अन्य लाभ भी होते है? असल में हमारे सनातन धर्म में कुछ ऐसी बातें हैं जो ना सिर्फ धार्मिक रूप से बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी मनुष्यों के लिए फ़ायदेमंद है, वैज्ञानिक कारण देखा जाए तो शंख की ध्वनि का स्वास्थ्य पर बहुत गहरा और सकारात्मक प्रभाव होता है. शंख को घर में रखने और इसको बजाने से कई तरह के लाभ होते हैं. तो चलिए जानते है शंख बजाने और घर में रखने के फायदे

1. धार्मिक मान्यता के अनुसार शंख में देवी लक्ष्मी का वास मन जाता है. इसलिए शंख को घर में रखने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है. वहीं अगर बात करें वैज्ञानिक दृश्टिकोण की तो शंख बजाने में बहुत ताकत लगती है जिससे फेफड़े फैलते हैं, अस्थमा और सांस से जुड़ी बीमारियां हमेशा के लिए खत्म हो जाती हैं.

2. पूजा-पाठ के दौरान शंख की ध्वनि से वातावरण पवित्र होता है. जहां तक इसकी आवाज जाती है, इसे सुनकर लोगों के मन में सकारात्मक विचार पैदा होते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि शंख की आवाज़ से वातावरण में मौजूद कीटाणु और विषाणुओं का नाश हो जाता है.

3. ऐसा माना जाता है कि शंख में जल भरकर श‍िव, लक्ष्मी आदि का अभि‍षेक करने से ईश्वर प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है. इसे बजाने से बॉडी के साथ-साथ ब्रेन में भी ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है.

4. ऐसी मान्यता है कि घर में रखे शंख की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती है और दुष्ट आत्माएं पास नहीं आती. शंख बजाने से गले में मौजूद मांसपेशियों का व्यायाम होता है जिससे वोकल कार्ड और थायरायड से जुड़ी समस्या खत्म हो जाती है.

5. शंख में कैल्शियम, फास्फोरस व गंधक मौजूद होता है और इसमें रखे पानी को पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं और यह पानी दांतों के लिए भी फायदेमंद होता है.

6. वास्तु शास्त्र के मुताबिक शंख की ध्वनि से पॉजिटिव एनर्जी पैदा होती है और घर में वातावरण खुश नुमा बना रहता है.

7. आयुर्वेद के मुताबिक, शंखोदक के भस्म के उपयोग से पेट की बीमारियां, पथरी, पीलिया आदि कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं. हालांकि इसका उपयोग एक्सपर्ट वैद्य की सलाह से ही किया जाना चाहिए.