मुजफ्फरनगर। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों ने पानीपत-खटीमा मार्ग पर चल रहे निर्माण कार्य को देखा। परियोजना निदेशक संजय मिश्रा ने निर्देश दिए कि तय समय में निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाए। कार्य को गुणवत्तापूर्ण तरीके से करें। दूसरे चरण में दो बड़े और 11 छोटे पुलों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।

एनएचएआई के रिजनल मैनेजर एमके जैन, बागपत इकाई के परियोजना निदेशक संजय मिश्रा और टीम लीडर पंकज कुमार ने ठेकेदार कंपनी की टीम के साथ शामली से लेकर मुजफ्फरनगर के बीच निर्माण कार्य देखा। मेजर ब्रिज और माइनर ब्रिज के निर्माण कार्यों की प्रगति देखी। तितावी में हिंडन नदी पर बनाए जा रहे पुल के निर्माण की प्रगति के विषय में जानकारी ली।

संजय मिश्रा ने निर्देश दिए कि कार्य को गुणवत्तापूर्ण तरीके से कराया जाए। जिन क्षेत्रों में निर्माण में परेशानी है, उनका समाधान कराकर कार्य को पूरा कराएं। टीम ने बनत, बघरा और मुजफ्फरनगर बाईपास का भी निरीक्षण किया।

जागाहेड़ी में शुरू हुआ टोल का निर्माण
बनत बाईपास से मुजफ्फरनगर के बीच एक जगह टोल लगेगा। जागाहेड़ी और काजीखेड़ा गांव के बीच टोल प्लाजा का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। टीम ने टोल के निर्माण की प्रगति भी जानी।

अक्तूबर तक कैसे पूरा होगा हाईवे
शामली-मुजफ्फरनगर के बीच 42.87 किमी के दूसरे चरण की लागत 927 करोड़ रुपये रखी गई है। निर्माण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य 22 अक्तूबर 2022 रखा गया था। अगले पांच माह में निर्माण पूरा होता नहीं दिख रहा है। बिजली लाइन की शिफ्टिंग और पेड़ कटान नहीं हुआ। बाईपास का कार्य पूरा नहीं है। बरसात का सीजन भी शुरू होने वाला है। ऐसे में 22 अक्तूबर तक निर्माण पूरा होने की संभावना नहीं है।

तीन जगह बन रहे हैं बाईपास
दूसरे चरण में बनत बाईपास 3.25 किमी, बघरा बाईपास 6.75 किमी और मुजफ्फरनगर बाईपास 13.75 किमी बनाया जा रहा है।

जागाहेड़ी में नहीं सुलझा विवाद
जागाहेड़ी गांव के पास वाल्मीकि समाज के 14 घर हाईवे की जद में आ गए हैं। प्रशासन का कहना है कि घर बंजर भूमि में है, इसलिए सिर्फ स्ट्रक्चर का खर्च मिलेगा, जमीन का मुआवजा नहीं। ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। इस वजह से निर्माण कार्य रुका हुआ है।