मुजफ्फरनगर। पांच लाख की फिरौती के लिए अधिवक्ता के भाई का अपहरण करने के आरोपी को गैंगेस्टर कोर्ट ने पांच साल के कठोर कारावास और दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। गैंगेस्टर कोर्ट के न्यायाधीश बाबूराम ने फैसला सुनाया।
अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह, विशेष लोक अभियोजक दिनेश सिंह पुंडीर और राजेश शर्मा ने बताया कि तीन मई 1995 को सहारनपुर के बडग़ांव निवासी अधिवक्ता नरेश कुमार पुत्र बारू अपने गांव में छोटे भाई पवन और गांव के तोता राम, राका और प्रेम के साथ गेहूं की थ्रेसिंग कर रहा थे। चार बदमाश अपने हाथों में तमंचे लेकर पहुंचे और जान से मारने की धमकी देते हुए नरेश के छोटे भाई पवन का अपहरण कर ले गए। छुड़ाने की एवज में पांच लाख रुपये की फिरौती मांगी।
अधिवक्ता नरेश कुमार ने शामली के थाना झिझाना में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने 20दिन बाद बदमाशों को खोज निकाला और मुठभेड़ में पवन को सकुशल बरामद कराया था। पुलिस ने तीतरो के भावसा निवासी रामकुमार, झिंझाना के हथछोया निवासी सुशील, सत्यपाल और कांधला क्षेत्र बिराल निवासी जगदीश को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। तत्कालीन थानाध्यक्ष झिंझाना सुरेश सिंह चौहान ने इन अभियुक्तों के विरुद्ध गैंगेस्टर एक्ट में चालान किया था।
पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया। प्रकरण की सुनवाई गैंगेस्टर कोर्ट के न्यायाधीश बाबूराम ने की। अभियुक्त सुशील व जगदीश की विचरण के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि सत्यपाल को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है। अभियुक्त रामकुमार को पांच साल के कठोर कारावास और 10हजार रुपये जुर्माना से दंडित किया गया। जुर्माना न देने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।