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मुजफ्फरनगर। फेमिली कोर्ट के एक जज के द्वारा जिला बार संघ के अध्यक्ष और महासचिव के खिलाफ टिप्पणी के साथ साथ उनके खिलाफ शिकायत करने का मामला गरमा गया है। आज जिला बार और सिविल बार के अधिवक्ताओं ने जज के खिलाफ आक्रोश प्रकट करते हुए नो वर्क घोषित करने के साथ ही अपने चैम्बरों में तालाबंदी की। इन अधिवक्ताओं ने बार के पदाधिकारियों के साथ जज के खिलाफ कचहरी गेट पर धरना दिया और जज का यहां से तबादला किये जाने की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी भी दी।

बता दें कि जिला बार द्वारा आरोप लगाया गया है कि फेमिली कोर्ट नम्बर 2 के जज द्वारा जिला बार संघ के अध्यक्ष और महासचिव को लेकर टिप्पणी करते हुए उनकी शिकायत ऊपर की गयी है। इसको लेकर जिला बार और सिविल बार का हाउस बुलाया गया, जिसमें जज के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर चर्चा करने के साथ ही उनका तबादला किये जाने की मांग को लेकर आंदोलन की रणनीति बनाई गयी। बुधवार को जिला बार संघ और सिविल बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ अधिवक्ताओं ने रोष प्रकट करते हुए इस प्रकरण में प्रदर्शन किया। बार में पूर्ण रूप से तालाबंदी करते हुए अधिवक्ता नो वर्क पर रहे। चैम्बरों को बन्द करते हुए अधिवक्ताओं ने बार पदाधिकारियों के साथ कचहरी गेट पर धरना दिया। सिविल बार एसोसिएशन के महासचिव बिजेन्द्र सिंह मलिक ने कहा कि जज का आचरण निंदनीय है। उनको अपने पद की गरिमा के साथ कार्य करना चाहिए। बार के पदाधिकारियों के प्रति ऐसी टिप्पणी नहीं होनी चाहिए थी। आज बार ने संयुक्त रूप से आंदोलन का निर्णय लिया, यदि इसके बाद भी कार्यवाही नहीं होती है तो बड़ा आंदोलन भी छेड़ा जायेेगा। इस धरने में सैंकड़ों अधिवक्ता मौैजूद रहे, सभी ने एक स्वर में कहा कि जज का जिले से तबादला किया जाये। प्रदर्शन के दौरान जिला बार संघ के अध्यक्ष कलीराम और सिविल बार के अध्यक्ष सुगंध जैन ने संयुक्त रूप से कहा कि जब तक फेमिली कोर्ट नम्बर 2 के पीठासीन अधिकारी को यहां से नहीं हटाया जाता है, तब तक उनके न्यायालय का अधिवक्ताओं के द्वारा बहिष्कार रहेगा। उन्होंने कहा कि ये धरना परिवार न्यायालय कोर्ट नं 2 की कार्यशैली के विरोध में है, जिसमें उनके द्वारा सम्मानित अधिवक्ताओं के साथ लगातार र्दुव्यवहार किया जा रहा है। यह कार्यशैली ठीक नहीं है।

कार्यक्रम का संचालन जिला बार संघ के महासचिव अरूण कुमार शर्माव बिजेन्द्र सिंह मलिक महासचिव सिविल बार एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से किया। प्रदर्शन में मुख्य रूप से जिला बार संघ के अध्यक्ष कलीराम, महासचिव अरूण कुमार शर्मा, सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुगंध जैन, महासचिव बिजेन्द्र सिंह मलिक के अलावा आदेश कुमार, सतेन्द्र कुमार, राज सिंह रावत, सुधीर गुप्ता, सोहनलाल, ओमकार सिंह, श्यामवीर सिंह एडवोकेट सहित सैंकड़ों अधिवक्ता मौजूद रहे।

परिवार न्यायालय कोर्ट नं. 2 के पीठासीन अधिकारी के तबादल तक बहिष्कार के ऐलान और प्रदर्शन को देखते हुए आज कचहरी में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया था। इसके लिए यहां पर पुलिस फोर्स तैनात रहा और कचहरी के मुख्य द्वार सहित अन्य सभी गेट पर ताला डाल दिया गया था। इस कारण कोर्ट जाने वाले वादकारियों और अन्य लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ा। वहीं अधिवक्ताओं ने कहा कि इस प्रकरण को लेकर धरना जारी रखा जायेगा। यह भी निर्णय पारित हुआ कि न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए सिविल बार एसोसिएशन के गेट पर अधिवक्तागणों का धरना-प्रदर्शन रहेगा। आज सभी अधिवक्ताओं ने विरोध में अपने अपने चैंबरों के ताले बंद कर धरान स्थाल पहुंच कर विरोध जताया है। जिला बार और सिविल बार के पदाधिकारियों ने कहा कि कल भी हम पूर्ण न्यायालय का विरोध करेंगे।