मुजफ्फरनगर जनपद में सुधीर की हत्या के मामले में चार दोषियों को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कोर्ट संख्या-6 के पीठासीन अधिकारी शाकिर अली ने यह फैसला सुनाया। शाहपुर थाना क्षेत्र के गोयला गांव में 14 साल पहले मुकदमेबाजी की रंजिश में सुधीर की हत्या की गई थी।
सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी नीरजकांत मलिक और अनुज जावला ने बताया कि गोयला गांव निवासी सुधीर एक दिसंबर 2009 को अपने परिवार के सदस्य के साथ बाइक पर सवार होकर मुकदमे की पैरवी कर अदालत से घर लौट रहा था। जब वह जीवना गांव के पास पहुंचा तो हमलावरों ने घेरकर गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी। वादी सुखपाल सिंह ने गांव के ही लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
पुलिस की जांच में शामली के साल्हाखेड़ी निवासी सोमपाल, भाज्जू गांव निवासी राजू उर्फ राजीव, गोयला निवासी दीपक और बागपत के चांदनहेड़ी निवासी पंकज के नाम सामने आए। आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। प्रकरण की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कोर्ट संख्या-6 के पीठासीन अधिकारी शाकिर अली ने की। अभियोजन पक्ष की ओर से 11 गवाह पेश किए गए।
अभियुक्त सोमपाल, राजू उर्फ राजीव और पंकज को धारा 302 में आजीवन कारावास, अभियुक्त दीपक को धारा 302 और 120 बी में आजीवन कारावास और प्रत्येक को 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। दोषी पंकज को आर्म्स एक्ट में तीन साल के कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई।