मुजफ्फरनगर में सात साल पहले अनुसूचित जाति के युवक की हत्या के मामले में दो सगे भाइयों को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई गई। विशेष न्यायालय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जनजाति (अत्याचार निवारण) के पीठासीन अधिकारी रजनीश कुमार ने फैसला सुनाया।

जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव शर्मा और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र कमार शर्मा ने बताया कि भरतिया कॉलोनी निवासी सोनू सोनकर 20 फरवरी 2016 को शहर के ही अवध विहार में अपना मोबाइल रिपेयर कराने गया था। दुकान पर कहासुनी को लेकर अग्रसेन विहारी निवासी सगे भाई अनित व सचिन ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसके ऊपर सरिया, हथौड़े और लाठी-डंडों से हमला बोल दिया। बीच-बचाव के लिए आए अनिल शर्मा और अनुज चौधरी भी घायल हो गए। परिजनों ने गंभीर हालत में सोनू सोनकर को मेरठ अस्पताल में भर्ती कराया।

उपचार के दौरान छह मार्च 2016 को सोनू की मौत हो गई थी। मृतक के तहेरे भाई मंगतराम ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया। प्रकरण की सुनवाई विशेष न्यायालय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जनजाति (अत्याचार निवारण) के पीठासीन अधिकारी रजनीश कुमार ने की। अदालत ने वारदात में सगे भाई अनित व सचिन को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड नहीं देने पर छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।