सुहानी शाह ने बताया कि कई साल पहले उनके एक कार्यक्रम में एक ऐसा शख्स आया था जो जीने की उम्मीद खो चुका था और उनसे ही मदद की पुकार कर रहा था. सुहानी बताती हैं कि मैं 13 साल की थी और नासिक में एक कार्यक्रम था. उस कार्यक्रम में वहीं जादू और माइंड रीड कर रही थी. लेकिन प्रोग्राम के बाद एक शख्स मेरे पास आया और बोला कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है. वो ठीक से बोल नहीं पा रहा था, लेकिन उसकी टूटी-फूटी भाषा को मैंने समझ लिया था. वो कह रहा था कि अगर मुझे यहां मदद नहीं मिली तो मैं अपनी जान दे दूंगा. अब तब मैंने जा00 के जरिए एक गिलास पानी का इंतजाम किया और उसे पिला दिया. उसे वो पानी पीकर अच्छा लगा. मैंने कहा कि दिन में दो बार पीजिए, आप बेहतर महसूस करेंगे. अब प्रोग्राम हो गया और मैं भी दूसरे कार्यक्रम में व्यस्त हो गई. फिर एक दिन मेरे पास एक लेटर आया, उसमें लिखा था कि आपकी वजह से मैं बहुत बेहतर महसूस कर रहा हूं. अब डॉक्टर से अपनी बीमारी का इलाज करवा रहा हूं.
अब इस किस्से को लेकर सुहानी कहती हैं कि उन्होंने कोई जादू नहीं किया था. वो तो एक नॉर्मल पानी था. लेकिन खेल सारा विश्वास का होता है और उसी वजह से उस शख्स में जीने की उम्मीद जग गई. वैसे अपने करियर की सफलता के लिए सुहानी अपने पेरेंट्स को पूरा क्रेडिट देती हैं. वे कहती हैं कि मैंने बचपन में बोला था कि मुझे जादू करने का शौक है, मेरे माता-पिता के सपने बड़े थे, उन्होंने सीधे बोल दिया कि बड़े शो करेगी. अब उसके बाद से उन्होंने अपना समय और पैसा दोनों मुझमें इन्वेस्ट किया. मैं तो सभी लड़कियों से कहना चाहती हूं कि वे किसी से कम नहीं हैं. लड़कियां सब कर सकती हैं. जो उनके आसपास के लोग हैं, उन्हे बदलने की जरूरत है. उन्हें लड़कियों को दबाना नहीं चाहिए.
बातचीत के दौरान सुहानी ने ये भी बताया कि वे माइंड रीड करती हैं और ये कोई चमत्कार नहीं है, बल्कि एक आर्ट है. उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि पिछले कुछ समय में हर घर तक इस आर्ट की जानकारी पहुंच गई है. असल में जब से धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कार के चर्चे शुरू हुए हैं, सुहानी शाह की लोकप्रियता भी बढ़ गई है. खुद सुहानी कहती हैं कि काफी कुछ बदल गया है. अचानक से उनकी डिमांड ज्यादा बढ़ गई है. हर जगह उन्हें बुलाया जा रहा है.