माफिया अतीक अहमद और उसके भाई पूर्व विधायक अशरफ के खास गुर्गे आतिन जफर को प्रयागराज से लाकर बरेली पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में पेश किया। इससे पहले बिथरी थाने में तर्ज मुकदमे के आरोपी जफर से पुलिस ने लंबी पूछताछ कर बयान दर्ज किया।
आतिन जफर ने बताया कि उसके पिता जफरुल्ला अतीक अहमद के खास कारिंदे (कर्मचारी) थे। उनका लिखा भाषण अतीक अहमद मंच पर पढ़ता था। मोहित जायसवाल को जेल में बंद कर पीटने के मामले में अतीक के साथ उसके पिता पर भी केस दर्ज हुआ था। उसके पिता अभी लखनऊ सेंट्रल जेल में बंद हैं।
इसी दौरान उसकी दोस्ती अतीक के बेटे असद से हो गई थी। असद और सद्दाम से करीबी के चलते वह लखनऊ के लुलु मॉल से वाकर्स कंपनी के बिस्किट लाकर बरेली जिला जेल में बंद अशरफ के पास आता था। उमेशपाल हत्याकांड के बाद असद को भगाने में भी उसने मदद की थी।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद बरेली जेल से चल रहा खेल पकड़ा गया था। यहां अशरफ जिला जेल में बंद था, जिसका साला सद्दाम शहर में रहकर उसे सहूलियत दिला रहा था तब अशरफ, उसके साले सद्दाम, लल्ला गद्दी समेत कई लोगों के खिलाफ बिथरी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।
एक मामला बारादरी थाना में दर्ज हुआ था। एसआईटी ने मामले की जांच की। जांच में प्रयागराज निवासी आतिन जफर की भूमिका भी सामने आई थी। वह जेल में अशरफ से मिलता था। साथ ही 24 फरवरी की रात लखनऊ में असद के डेबिट कार्ड से रुपये निकालने में अतिन जफर की फोटो सीसीटीवी में कैद हुई थी।
उसी दिन उमेश पाल की दोपहर में हत्या हुई थी। पुलिस को गुमराह करने के लिए असद ने अपना मोबाइल और कार्ड लखनऊ में छोड़ा था, जिससे लोकेशन ट्रेस न हो। बावजूद असद को बचाने की कोशिश कामयाब न हो सकी। बता दें कि झांसी में पुलिस से हुई मुठभेड़ में असद और गुलाम मारा गया था।