मुजफ्फरनगर। विशेष अपर सत्र न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) कोर्ट संख्या-एक की पीठासीन अधिकारी रीमा मल्होत्रा ने किशोरी को चकमा देकर ले जाने के मामले में रवि को दोषी सिद्ध किया। अदालत ने उसे तीन साल का कारावास और तीन हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। जबकि पॉक्सो की धारा 7/8 और आईपीसी की धारा 366 और 506 में दोषमुक्त कर दिया।
मामला करीब साढ़े छह साल पुराना है। शामली जनपद के कांधला थाना क्षेत्र के वादी ने नाबालिग पुत्री को ले जाने के मामले में गांव के रवि के खिलाफ मुकदमा कायम कराया था। आरोप था कि 20 मई 2016 को वादी की पुत्री कांधला इंटर कॉलेज से पढ़कर गांव लौट रही थी। उस दिन गांव के पड़ोसी युवक रवि ने लड़की को रोका और कहने लगा कि तुम्हारे पापा का एक्सीडेंट हो गया है। पूरा परिवार हॉस्पिटल में है। इस तरह का चकमा देकर रवि वादी की पुत्री को बाइक पर बैठाकर ले गया था। पुलिस ने विवेचना के बाद अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। अभियोजन पक्ष की ओर से सात गवाह प्रस्तुत किए। अदालत ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद सजा सुनाई है। ब्यूरो