मुजफ्फरनगर। जिले की धरती लोगों के लहू से लाल हो रही है। खलवाड़ा में कोर्ट से लौट रहे दंपती की हत्या बानगी है। इससे पूर्व कई मामले ऐसे हैं जिनमें कोर्ट से लौट रहे लोगों ने अपनी जान गंवाई है। 22 साल पूर्व सिखेड़ा थानाक्षेत्र के फहीमपुर गांव में हुआ नरसंहार इसका उदाहरण है।

जानसठ कोतवाली क्षेत्र के खलवाड़ा गांव में कोर्ट से लौट रहे दंपती की हत्या से हड़कंप मचा हुआ है। इससे पूर्व वर्ष 2000 में सिखेड़ा थाना क्षेत्र के फहीमपुर गांव में मुकदमे की तारीख से लौट रहे आठ लोगों की बस से उतारकर सामूहिक हत्या कर दी गई थी। एक साथ आठ लोगों की हत्या की गूंज राजधानी तक पहुंची थी। वर्ष 2015 में कोर्ट में पेशी पर आ रहे छपार थाना क्षेत्र के कासमपुरा गांव निवासी दो सगे भाइयों की नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के भोपा रोड लिक रोड से दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी।

इतना ही नहीं वर्ष 2016 में शातिर राबिन त्यागी को मुजफ्फरनगर कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिसकर्मी बंदी वाहन में उसे लेकर बुलंदशहर लौट रहे थे। जैसे ही बंदी वाहन हाईवे पर मंसूरपुर क्षेत्र में धौला पुल पर पहुंचा था तो कार सवारों ने एके-47 से बंदी वाहन पर ताबड़तोड़ फायरिग कर दी थी। हमले में राबिन त्यागी समेत कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जबकि एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी। इसके अलावा ऐसे कई मामले है जिनमें तारीख पर जाते समय या आते समय लोगों की जान जा चुकी है। कोर्ट परिसर में बह चुका है खून

वर्ष 2012 में कोर्ट परिसर में बहावड़ी के पूर्व प्रधान की दो हमलावरों ने सरेआम हत्या कर दी थी। हत्या के बाद दोनों हमलावरों ने सरेंडर कर दिया था। इतना ही नहीं गैंगस्टर विक्की त्यागी की थी कोर्ट परिसर में हत्या हो चुकी है।