बरेली।  बरेली में इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने कहा कि देश में दो तरह के कानून चल रहे हैं। एक मुसलमानों के लिए है और दूसरा हिंदुओं के लिए। मौलाना तौकीर ने दिल्ली के रामलीला मैदान में धरना प्रदर्शन करने का एलान भी किया।

उन्होंने कहा कि देश के अंदर तलाक और जमीन जायदाद के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ लागू है, लेकिन कानून के हिसाब से फैसले नहीं हो रहे हैं। मुस्लिमों के साथ जुल्म ज्यादती हो रही है और प्रधानमंत्री खामोश हैं। वह देश के प्रधानमंत्री न हो कर सनातन के प्रधानमंत्री बने हुए हैं, जिसमें आर्य समाजी, दलित और आदिवासी की कोई जगह नहीं।

उन्होंने कहा कि तमाम जुल्म और ज्यादती के खिलाफ अब कोई ज्ञापन नहीं दिया जाएगा। यह बहुत हो गया, इसका कोई नतीजा नहीं निकला। अब जवाब दिया जाएगा। मौजूदा हालात का जिक्र करते हुए उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि नबी-ए-पाक की शान में गुस्ताखी हो रही है, लिंचिंग हो रही है। ये सब सरकार की सरपरस्ती में रहा है। मुस्लिम इसलिए खामोश है कि वह अपने मुल्क हिंदुस्तान में अमन चाहता है।

आईएमसी अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने दशहरे के बाद दिल्ली में धरना प्रदर्शन करने का एलान किया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि कहीं कुछ होता है तो गलियों से मेरे पास लोग आते हैं कहते हैं कि हजरत शिकायत करें। ज्ञापन दें, लेकिन सुनने वाला कौन है? इतने ज्ञापन धरने दे दिए कहीं कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब कोई ज्ञापन नहीं दिया जाएगा, सीधा जवाब दिया जाएगा।

मौलाना ने कहा कि अभी दिल्ली के रामलीला में दशहरा मेले के आयोजन की तैयारियां चल रही हैं। उनकी कई खानकाहों व संगठनों से बातचीत भी चल रही है। दशहरा के बाद बैठक कर एक तारीख मुकर्रर की जाएगी। उस तारीख पर सिर्फ बरेली का नहीं बल्कि पूरे मुल्क का मुसलमान दिल्ली पहुंचेगा। उन्होंने कहा है कि गोली चलाओ, लाठी चलाओ लेकिन दिल्ली में धरना प्रदर्शन होकर रहेगा।

मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि बरेली वालों जब तुम दिल्ली के लिए निकलों तो अमनो अमान के साथ निकलना। हुजूम ऐसा होना चाहिए कि दिल्ली से बरेली तक सड़क जाम रहे। इसी तरह दूसरे क्षेत्रों का भी मुसलमान दिल्ली पहुंचेगा, उनसे भी इसी तरह की अपील की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि बिना माहौल खराब किए शांतिपूर्ण तरीके से हमें अपना विरोध जताना है। इसके बाद देखते हैं कि पैगंबर मोहम्मद की शान में गुस्ताखी करने वाले कैसे आजाद घूमते हैं?