मेरठ। पीएफआई को बैन करने के मामले में ट्रिब्यूनल में सुनवाई के दौरान मेरठ पुलिस की ओर से भी साक्ष्य पेश किए गए। इस मामले में मेरठ के सीओ कोतवाली अमित राय लखनऊ गए थे और उन्होंने तमाम साक्ष्य दिए। इस दौरान उन्होंने बरामदगी से लेकर बाकी जानकारी भी दी। बता दें कि मेरठ में चार पीएफआई कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की गई थी।

पीएफआई संगठन के खिलाफ पिछले साल सितंबर में एटीएस और बाकी जांच एजेंसियों ने लगातार कार्रवाई की थी। देशभर में छापेमारी करते हुए कई लोगों की धरपकड़ हुई। सितंबर 2022 को मेरठ में चार पीएफआई सदस्यों की गिरफ्तारी की गई। पकड़े गए आरोपियों में पीएफआई के सदस्य मोहम्मद शादाब अजीम कासमी निवासी सोंटा रसूलपुर थाना थानाभवन शामली, मुफ्ती शहजाद निवासी गांव नेकपुर थाना मुरादनगर गाजियाबाद, मौलाना साजिद निवासी गांव मामोर थाना कैराना शामली और मोहम्मद इस्लाम कासमी निवासी ग्राम जोगियाखेड़ा परसौली थाना फुगाना मुजफ्फरनगर शामिल थे। इनके खिलाफ मेरठ के खरखौदा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसी मामले में चूंकि विधिविरुद्ध क्रिया-कलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 के तहत कार्रवाई हुई थी और संगठन पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई जारी है, इसलिए दर्ज मुकदमों को लेकर सुनवाई ट्रिब्यूनल में हो रही है। लखनऊ में कुछ दिन पहले इसे लेकर हाईकोर्ट के जज की अध्यक्षता में सुनवाई की गई। इस दौरान सरकार और आरोपी पक्ष की ओर से वकील मौजूद रहे। मेरठ के दर्ज मुकदमे में अपनी बात रखने और जानकारी देने के लिए सीओ अमित राय पहुंचे थे। इन्होंने बरामदगी और बाकी बातों को लेकर बात रखी, साथ ही मेरठ के आरोपियों के केरल में संगठन के कैंप में जाने, आपस में बातचीत करने और तमाम जानकारी दी गई। इसके अलावा एटीएस की टीम भी पहुंची थी, चूंकि मुकदमा एटीएस को ट्रांसफर किया जा चुका है।