मेरठ। नगर निगम की लापरवाही ने सात वर्षीय मासूम की जान ले ली। ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के माधवपुरम में बृहस्पतिवार शाम खुले नाले में गिरी गेंद उठाते समय बालक नाले में गिर गया। जब तक उसे निकाला गया, उसकी मौत हो चुकी थी। मासूम की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं, खुले नाले में अक्सर होने वाली मौतों से निवासियों में गुस्सा है।
माधवपुरम ज्वालापुरी निवासी अरुण सिक्योरिटी कंपनी में सुरक्षाकर्मी की नौकरी करते हैं। बृहस्पतिवार शाम उनका पुत्र आर्यन (7) अपने छोटे भाई आयुष के साथ घर के पास क्रिकेट खेल रहा था। तभी गेंद पास ही स्थित खुले नाले में जा गिरी। गेंद उठाने की कोशिश में आर्यन नाले में गिर गया। यह देख आयुष शोर मचाते हुए घर पहुंचा और मां शशि को इसकी जानकारी दी।
मां मौके पर पहुंची तो नाले में गेंद पड़ी दिखाई दी, आर्यन नहीं दिखा। शशि ने पड़ोसियों को बुलाया और लाठी-डंडे की सहायता से नाले में आर्यन को तलाश किया गया। कुछ देर बाद आर्यन दिखाई दिया तो पड़ोसी उसे लेकर चिकित्सक के पास पहुंचे। चिकित्सक ने बालक को मृत घोषित कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एएसपी अंतरिक्ष जैन ने बताया कि परिजनों की ओर से अभी तक कोई तहरीर नहीं दी गई है।
आर्यन की मौत से परिजनों का रोते हुए बुरा हाल हो गया। मां शशि बेसुध हो गई। पड़ोसी महिलाओं ने उसे किसी तरह संभाला। पिता के आंसू भी थम नहीं रहे थे। मासूम की मौत को लेकर आसपास के लोगों में काफी गुस्सा था। उनका कहना था कि नाला गंदगी से अटा हुआ है। नगर निगम हर साल सफाई के नाम पर खानापूर्ति करता है। नाला काफी गहरा है, इसमें लोगों के गिरने का खतरा हमेशा बना रहता है। आबादी वाले इलाकों में गहरे नालों को ढकने की मांग स्थानीय लोग कई बार कर चुके हैं। इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई।