मुजफ्फरनगर। नगर पालिका के सीमा विस्तार की अधिसूचना जारी होते ही तीन जिला पंचायत सदस्यों और 11 प्रधानों पर तलवार लटक गई है। नोटिफिकेशन जारी होते ही इनकी कुर्सी चली जाएगी। प्रदेश सरकार ने नगर पालिका परिषद के सीमा विस्तार को हरी झंडी दे दी है। इसके लिए जिला प्रशासन ने अधिसूचना जारी करते हुए आपत्तियां मांगी है। सीमा विस्तार में आने वाले प्रधानों ने आपत्ति जताई है। आपत्ति के निस्तारण के बाद प्रदेश सरकार सीमा विस्तार के लिए गजट का नोटिफिकेशन जारी करेगी। इसके बाद सीमा विस्तार के अंदर आने वाले तीन जिला पंचायत सदस्यों की सदस्यता और 11 प्रधानों की कुर्सी चली जाएगी। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि नियम यही है कैबिनेट में सीमा विस्तार की मंजूरी के बाद यहां निर्वाचित प्रतिनिधियों की सदस्यता चली जाएगी। ये लोग इसके बाद पार्षद और महापौर के चुनाव में भाग ले सकेंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता तेगबहादुर सैनी का कहना है कि प्रदेश सरकार के गजट नोटिफिकेशन के बाद स्वत: ही जिला पंचायत सदस्यों की सदस्यता और प्रधानों का पद समाप्त हो जाएगा। बीडीसी और ग्राम पंचायत सदस्य का पद भी चला जाएगा।
जिन गांवों के प्रधान की कुर्सी जाने की स्थिति बनी है। इनमें सूजडू के प्रधान महताब, मीरापुर के विजय पाल, वहलना के गुलाब सिंह, सरवट के सतीश कुमार, अलमासपुर की पूनम देवी, सहावली के अजय कुमार, कूकड़ा के मेहरुद्दीन, शाहबुद्दीनपुर की आसिफा बेगम, बीबीपुर के राजेश कुमार के साथ मंधेडा और खांजापुर के प्रधान की कुर्सी जा सकती है।
सीमा विस्तार में सरवट और शाहबुद्दीनपुर दोनो गांव आ रहे हैं। इन दोनो गांवों से एक जिला पंचायत सदस्य चुना जाता है। यहां से श्रीभगवान शर्मा जिला पंचायत सदस्य है। सूजड, वहलना और अलमासपुर से एक जिला पंचायत सदस्य बनता है, यहां से जिला पंचायत सदस्य आरिफा है। ये तीनों गांव सीमा विस्तार में आ रहे हैं। तीसरे जिला पंचायत सदस्य तरुण पाल कूकडा, सहावली, बीबीपुर, शेरनगर, सिलाजुड्डी से चुने गए हैं। इनके क्षेत्र के तीन गांव सीमा विस्तार में आ रहे हैं। आबादी और वोट भी 80 प्रतिशत इन्हीं में हैं। तरुण पाल का कहना है कि दो गांवों के नहीं आने से उसकी सदस्यता बच सकती है।
पंचायत चुनावों में जीतकर आए सभी जनप्रतिनिधि नगरीय सीमा में शामिल होते ही, आने वाले नगर निकाय चुनाव में पार्षद और मेयर पद के दावेदार हो जाएंगे। क्योंकि इस सीमा विस्तार के बाद मुजफ्फरनगर को भी नगर पालिका से नगर निगम का दर्जा मिलना तय बताया जा रहा है।