मुजफ्फरनगर। भाजपा से गठबंधन होने के बाद रालोद ने बिजनौर लोकसभा सीट पर जाट-गुर्जर कार्ड चला है। चौधरी जयंत के इस फैसले से कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है।

भाजपा से गठबंधन के बाद रालोद ने अपने हिस्से में आई बिजनौर लोकसभा सीट पर जाट और गुर्जर समीकरण साधते हुए मीरापुर विधायक चंदन चौहान को प्रत्याशी बनाया है। उनके पिता स्वर्गीय संजय सिंह भी यहां से सांसद रह चुके हैं।

साल 2017 में चंदन चौहान खतौली से सपा के टिकट पर चुनाव हार गए थे। साल 2022 में सपा-रालोद गठबंधन ने उन्हें रालोद के सिंबल पर मीरापुर से चुनाव लड़ाया और वह विधानसभा पहुंच गए। सपा-रालोद गठबंधन टूटा, लेकिन वह रालोद में ही रहे। पहले उनकी पत्नी यशिका चौहान को चुनाव लड़ाए जाने की चर्चा शुरू हुई थी। लेकिन एन वक्त पर विधायक को ही टिकट दिया गया है। उन्हें टिकट दिए जाने से समर्थकों में खुशी है। बिजनौर लोकसभा सीट पर गुर्जर और जाट वोट निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं। भाजपा की पैठ वाले अति पिछड़ा वर्ग के साथ जाट और गुर्जर मत मिलकर मजबूत समीकरण के साथ चंदन चौहान चुनाव मैदान में उतरेंगे।

विधायक चंदन चौहान रालोद की युवा इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है। उनके पिता स्वर्गीय संजय चौहान 2009 में बिजनौर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। तब भी रालोद ने भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। उनके बाबा स्व. नारायण सिंह प्रदेश के उप मुख्यमंत्री रहे हैं। वह मोरना क्षेत्र से ही विधायक रहे। परिसीमन के बाद यह सीट मीरापुर बन गई।

रालोद से विधायक चंदन चौहान का टिकट घोषित होते ही उनके दक्षिणी सिविल लाईन स्थित आवास पर समर्थकों की भीड़ जमा हो गई। रालोद जिलाध्यक्ष संदीप मलिक ने कहा कि चंदन चौहान बेहद मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। पूर्व मंत्री धर्मवीर बालियान,अजीत राठी, सुधीर भारतीय, प्रभात तोमर, संजय राठी, विदित मलिक, विकास कादियान, कार्तिक मलिक, योगेश तोमर, कमल गौतम, शादाब अली, शहीर आलम, संजीव कुमार, विनोद कुमार, मोहित मलिक और संजय अग्रवाल ने खुशी जताई।