मुज़फ्फरनगर : मीरापुर उपचुनाव में रालोद प्रत्याशी मिथलेश पाल ने 30 हजार के अंतर से जीत हासिल की है। उन्होंने अपनी जीत का श्रेय सीएम योगी और जयंत चाैधरी को दिया है। मिथलेश पाल तीन दशक से राजनीति में सक्रिय हैं।

मीरापुर उपचुनाव में विजयश्री हासिल करने वाली मिथलेश पाल पिछले तीन दशक से जिले की राजनीति में सक्रिय हैं। जिला पंचायत सदस्य, अध्यक्ष और विधानसभा के मिलाकर अब तक 13 चुनाव लड़ चुकी हैं। पहले मोरना और अब मीरापुर के उपचुनाव में जीत दर्ज कर दूसरी बार विधायक बनने में कामयाबी हासिल की।

वर्ष 1993 में मिथलेश पाल बसपा की राजनीति में सक्रिय हुई। जिला पंचायत के वार्ड चार से साल 1995 और 2000 में वार्ड छह से सदस्य चुनी गई थी। इसी साल जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ा, लेकिन करीबी मुकाबले में हार गई।

बसपा के टिकट पर सदर विधानसभा सीट से वर्ष 1996 में पहला और 2002 में दूसरा चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रहीं। इसके बाद उन्होंने बसपा छोड़कर रालोद से राजनीति की नई पारी की शुरुआत की। रालोद के टिकट पर पहले पालिका का चुनाव लड़ा, फिर सदर सीट से ही वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में उतरी, लेकिन हार का सामना करना पड़ा।

मोरना के रालोद विधायक कादिर राना बसपा में शामिल हुए और मुजफ्फरनगर से 2009 में सांसद चुन लिए गए। यहीं से मिथलेश पाल का सियासी भाग्य पलटा। पहली बार सदर सीट छोड़कर मोरना के उपचुनाव में उतरीं और तत्कालीन सांसद कादिर राना के भाई नूर सलीम राना को हराकर विधानसभा पहुंची थीं।

परिसीमन के बाद मोरना से सीट मीरापुर बन गई। रालोद के टिकट पर मीरापुर से 2012 और 2017 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। सपा सरकार में मंत्री रहे चितरंजन स्वरूप के निधन के बाद 2016 में सदर सीट के उपचुनाव में भी मिथलेश पाल को वर्तमान राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल के सामने हार का सामना करना पड़ा था।

साल 2017 में मिथलेश पाल सपा में शामिल हुई। सपा ने उन्हें शहर पालिकाध्यक्ष का चुनाव लड़ाया, लेकिन जीत नहीं मिली। वर्ष 2022 के चुनाव में सपा-रालोद गठबंधन से टिकट नहीं मिला। फरवरी 2022 में वह भाजपा में शामिल हो गई थीं।

मीरापुर विधायक मिथलेश पाल ने बसपा से राजनीति शुरु की। रालोद में सबसे ज्यादा चुनाव लड़े। सपा में शामिल हो गई, लेकिन 2022 में टिकट नहीं मिला। इसके बाद भाजपा में शामिल हुई। लोकसभा के चुनाव में भाजपा-रालोद गठबंधन हुआ। मीरापुर के उपचुनाव में टिकट मिलने के बाद भाजपा से वह रालोद में शामिल हो गईं।

मीरापुर विधायक मिथलेश पाल ने पिछले 17 साल में रालोद के टिकट पर अब तक सात चुनाव लड़े हैं। इस बार वह भाजपा में थी, लेकिन उपचुनाव रालोद के सिंबल पर ही लड़ा।