लखनऊ. गैरकानूनी तरीके से शस्त्र लाइसेंस हासिल कर उससे आठ प्रतिबंधित बोर के विदेशी असलहे खरीदने के मामले में यूपी एसटीएफ ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मऊ से विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ अनुपूरक आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। इसमें अवैध तरीके से शस्त्र लाइसेंस हासिल करने, विदेश से असलहे लाने और बिना अनुमति लाइसेंस पर आठवां शस्त्र लाकर चढ़वाने के आरोपों की पुष्टि की गई है।
मंगलवार को राजधानी की एमपी-एमएलए कोर्ट में एसटीएफ के विवेचक ने अनुपूरक आरोप पत्र के साथ दिल्ली पुलिस, लखनऊ पुलिस, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की कस्टम विंग और यूपी राइफल एसोसिएशन के मूल दस्तावेज भी सौंपे हैं। साथ ही, 15 सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बयानों की प्रति भी दी है। एसटीएफ के इस कदम के बाद अब्बास अंसारी की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है।
एसटीएफ ने अब्बास अंसारी के खिलाफ दिसंबर 2020 में आरोप पत्र दाखिल किया था। हालिया अनुपूरक आरोप पत्र में एसटीएफ ने अब्बास अंसारी के खिलाफ लगाए गए आरोपों की पुष्टि के लिए शस्त्र लाइसेंस से संबंधित दस्तावेजों की मूल प्रति अदालत को सौंप दी है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस के तीन आईजी रैंक के अफसरों प्रभाकर, शंकर दास, सुभाषीश चौधरी, रिटायर्ड एसीपी वेद प्रकाश, आर्म्स इंस्पेक्टर जसवंत और लाइसेंस जारी करने से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बयान की जानकारी भी अदालत को दी है।
इसी तरह दिल्ली एयरपोर्ट के कस्टम के असिस्टेंट कमिश्नर विद्याधर बी.पचौरे, कस्टम अधिकारी कुलदीप, यूपी राइफल एसोसिएशन के अध्यक्ष व लिपिक और लखनऊ कलेक्ट्रेट में तैनात असलहा बाबू से हुई पूछताछ के बाद दर्ज बयानों से भी अदालत को अवगत कराया है। इन बयानों में अब्बास अंसारी पर अवैध तरीके से शस्त्र लाइसेंस हासिल करने, विदेश से असलहे लाने और बिना अनुमति लाइसेंस पर आठवां शस्त्र लाकर चढ़वाने के आरोपों की पुष्टि की गई है।
दरअसल अब्बास अंसारी के अवैध शस्त्र लाइसेंस प्रकरण में जांच के घेरे में आए दिल्ली पुलिस के अधिकारियों, कस्टम अधिकारियों और लखनऊ के तत्कालीन डीएम अनुराग यादव, पुलिस अधिकारियों और असलहा बाबू के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने की एसटीएफ सिफारिश कर चुकी है।
इन सभी के खिलाफ विभागीय जांच जारी है। इस प्रकरण का मुकदमा 12 अक्तूबर 2019 को राजधानी की महानगर कोतवाली में दर्ज हुआ था, जिसके बाद शासन ने इसकी जांच एसटीएफ के सुपुर्द कर दी थी। एसटीएफ के डिप्टी एसपी प्रमेश कुमार शुक्ला के नेतृत्व में इसकी जांच के दौरान अब्बास के सारे असलहों को जमा करा लिया गया था। वहीं एसटीएफ के बढ़ते दबाव के बाद दिल्ली पुलिस ने अब्बास का शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिया था।
अब्बास ने वर्ष 2012 में अपने लखनऊ के पते पर शस्त्र लाइसेंस बनवाया था। तत्कालीन डीएम और पुलिस प्रशासन ने उसके खिलाफ दर्ज मुकदमों को नजरअंदाज कर इसकी संस्तुति की थी। बाद में उसने वर्ष 2015 में लाइसेंस बिना अनुमति दिल्ली ट्रांसफर करवा लिया। इसके बाद विदेश से आठ असलहे खरीदे,जो प्रतिबंधित बोर के थे।
ये असलहे हवाई जहाज से पर्सनल बैगेज में लाए गए, जिनको कस्टम अधिकारी आंख मूंद कर क्लीयरेंस देते रहे। जांच में पता चला कि ये असलहे लाने के लिए अब्बास ने इंपोर्ट परमिट भी नहीं लिया था। कस्टम अधिकारियों ने उसके बैगेज को खोलकर चेक भी नहीं किया। उसने केवल बैरल लाने का दावा किया, जिस पर अधिकारियों ने भरोसा कर जाने दिया।