मुज़फ्फरनगर| कांवड़ यात्रा में श्रद्धा का सैलाब उमड़ रहा है। मजहब की दीवारें लांघकर लोग कांवडिय़ों की सेवा में जुटे हैं। कढ़ली गांव के फैज और पुरबालियान के रोजू कांवडि़ए बनकर श्रद्धा की यात्रा में सफर कर रहे हैं। दोनों जहां से गुजरे लोगों ने खूब आवभगत की।

पुरबालियान निवासी मुस्लिम रोजू (50) मंगलवार को कांवड़ लेकर मंसूरपुर पहुंचा। सेवा शिविर में पहुंचते ही क्षेत्र के लोगों ने राजू की आवभगत की। रोजू बताते हैं कि उनकी पत्नी का इंतकाल हो चुका है, बेटा विदेश में रहता है और वह अपने गांव में खुश है। उसकी शिव में श्रद्धा है, इसलिए पिछले चार साल से कांवड़ लेकर आ रहा है। इंसान को नेक राह पर चलना चाहिए।

मूल रूप से कढ़ली गांव के रहने वाले और फिलहाल मेरठ में रह रहे फैज मोहम्मद का सिखेड़ा और खतौली के शिविरों में स्वागत किया गया। फैज ने बताया कि उसने 2011 में धर्म परिवर्तन कर अपना नाम शंकर रख लिया था। वह शिव का भक्त है। पिछले आठ साल से वह कांवड़ यात्रा का हिस्सा है। परिवार ने उसका साथ छोड़ दिया, लेकिन वह शिव के मार्ग से पीछे नहीं हटा। मेरठ में सतेंद्र सैनी के साथ रहकर ही वह गुजर-बसर करता है।

कांवड़ मार्ग पर पुरकाजी से लेकर बुढ़ाना, खतौली, शाहपुर, सांझक, तावली और बघरा में भी मुस्लिम समाज के लोग कांवडि़यों की आवभगत में जुटे हुए हैं।