खतौली। साइबर ठगों ने गांव बडसू के छात्र के नाम से फर्जी कंपनी खोलकर उसमें किए गए 250 करोड़ के कारोबार के बाद केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर विभाग ने अन्य कंपनियों की जांच शुरू करा दी है। खतौली क्षेत्र में 50 से अधिक फर्म एवं कंपनियां जीएसटी के निशाने पर आ गई हैं। अधिकारी ऐसी कंपनियों और फर्माें की जांच कर रहे हैं।
जीएसटी के सहायक उपायुक्त केपी सिंह ने बताया कि फेंक रजिस्ट्रेशन के खिलाफ पहचान की कार्रवाई का अभियान 15 अक्तूबर तक चलाया जाएगा। इस अभियान के अंतर्गत खतौली क्षेत्र की पचास से अधिक फर्म और कंपनी पर शक जाहिर किया गया है। जिनके रिकाॅर्ड की जांच पड़ताल की जा रही है। इन कंपनियों और फर्माें के रजिस्ट्रेशन अधिकतर युवाओं के नाम पर हैं। इन कंपनियों और फर्म का आयकर रिटर्न और जीएसटी के रिकाॅर्ड भी नियमानुकूल नहीं निकला है। शक है कि इन कंपनियों और फर्म से कारोबार न कर मात्र बिल काटने के लिए प्रयोग में किया जा रहा है।
इन कंपनियों की गहनता से जांच पड़ताल हो रही है। विगत दिनों गांव बडसू में साइबर ठगों के निशाने पर आए छात्र अश्वनी के नाम एके ट्रेडर्स नाम से फर्जी फर्म बनाकर मार्च से जुलाई माह तक 250 करोड़ रुपये का कारोबार दिखाकर विभिन्न फर्माें के नाम से बिल काटे गए थे। जिसमें पेपर की ट्रेडिंग हुई थी। इनमें पांच फर्म दिल्ली की थी। जिनमें 240 करोड रुपये का कारोबार दर्शाया गया था। गांव बडसू की एके ट्रेडर्स फर्म का रजिस्ट्रेशन 12 मार्च 2024 को हुआ था। इस मामले में छात्र की ओर से रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी।