गैंग का लीडर मुकीम काला निवासी जहानपुरा थाना कैराना (शामली) था। गैंग में अरशद निवासी बाढ़ी माजरा थाना गंगोह, साबिर पुत्र रूकम निवासी तिगरी थाना नकुड़, साबिर निवासी जंधेड़ी थाना कैराना, रिजवान निवासी जहानपुरा थाना कैराना, काला उर्फ वाजिद निवासी जंधेड़ी थाना कैराना, सादर निवासी मोहल्ला शेखजादगान तीतरो, हैदर निवासी शेखजादगान तीतरो, महताब निवासी बलवा थाना शामली, नीरज निवासी लांक थाना फुगाना, फरमान निवासी गांव भूरा कैराना, अकबर निवासी बरनावी थाना कैराना, हारून निवासी बरनावी थाना कैराना, आसिफ निवासी खंद्रावली थाना कांधला, मुनशाद निवासी खंद्रावली थाना कांधला, हारुन निवासी हाजीपुर थाना गंगोह और अजरू निवासी हाजीपुर थाना गंगोह आदि शामिल रहे हैं।

अक्तूबर 2015 को जब एसटीएफ ने मुकीम काला और साबिर जंधेड़ी को गिरफ्तार किया, तब खुलासा हुआ था कि मुकीम काला गैंग ने गौतमबुद्धनगर के शातिर बदमाश अनिल दुजाना गैंग से हाथ मिला लिया और एके-47 खरीदना तय हुआ था। तब मुकीम काला गैंग आठ लोगों की हत्या करने की फिराक में था। मुकीम एक समय में सहारनपुर के कुख्यात बदमाश मुस्तफा उर्फ कग्गा के गैंग से जुड़कर आपराधिक वारदात करता था। मुस्तफा उर्फ कग्गा के एनकाउंटर में मारे जाने पर मुकीम ने खुद का गैंग खड़ा कर लिया था।

चित्रकूट जिला जेल रगौली में बंदी अंशुल दीक्षित ने फायरिंग कर मेराजुद्दीन और मुकीम काला की हत्या कर दी। मुकीम काला पश्चिम उत्तर प्रदेश का बड़ा बदमाश था। वहीं पुलिस कार्रवाई में अंशुल दीक्षित भी मारा गया। जेल के अंदर फायरिंग से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। आईजी के सत्यनारायण, डीएम सुभ्रान्त कुमार शुक्ला, एसपी अंकित मित्तल, जेल अधीक्षक प्रकाश त्रिपाठी समेत भारी फोर्स मौके पर मौजूद है। बता दें कि मुकीम पर हत्या, लूट, रंगदारी, अपहरण, फिरौती जैसे 35 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे। कभी चिनाई मिस्त्री रहे मुकीम की गिनती हार्डकोर क्रिमिनल के रूप में होती थी।