उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव नजदीक आने के साथ ही नेताओं ने टिकट पाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। मुजफ्फरनगर में भाजपा से नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए नेताओं की लंबी लाइन है। 25 से ज्यादा नेता टिकट मांग रहे हैं। इसमें दूसरे दलों से आए नेता भी शामिल हैं।

मुजफ्फरनगर में नगर पालिका अध्यक्ष पद पर बीते दो बार से कांग्रेस को जीत मिल रही है। इसके बावजूद चेयरमैन पद के लिए दावेदारों में भाजपा से सबसे ज्यादा नाम सामने आए हैं।

मुजफ्फरनगर भाजपा के अध्यक्ष विजय शुक्ला, अरविंद राज शर्मा, श्रीभगवान शर्मा, अमित वत्स, अशोक बाटला, कुश पुरी, संजय अग्रवाल, कुलदीप गोयल, सुनील सिंघल, संजय गर्ग टिकट के लिए आवेदन कर चुके हैं।

भाजपा से टिकट मांगने वालों में ब्राह्राण और वैश्य सबसे ज्यादा हैं। ब्राह्मण समाज से टिकट मांगने वालों में जिला पंचायत मेंबर श्रीभगवान शर्मा, श्वेता कौशिक, विजय शुक्ला, अरविंद राज शर्मा, पुनीत वशिष्ठ, अमित वत्स, शरद शर्मा हैं।

वैश्य समाज से संजय अग्रवाल, श्रीमोहन तायल, राहुल गोयल, कुलदीप गोयल, सचिन सिंघल, सुनील सिंघल, संजय गर्ग, राजीव गर्ग ने टिकट मांगा है। इनके अलावा पंजाबी समाज से अशोक बाटला, कुश पुरी और पवन छाबड़ा भी भाजपा से चुनाव लड़ना चाहते हैं।

भाजपा के दो दर्जन से ज्यादा नेता चुनाव मांग रहे हैं। इसके अलावा दूसरे दल से आए गौरव स्वरूप और अंजू भी पुराने भाजपाईयों की टेंशन को बढ़ा रहे हैं। दोनों ही वैश्य समाज से आते हैं।

अंजू अग्रवाल ने 2017 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था। बाद में वो भाजपा में आ गईं। अंजू ऐलानिया भाजपा से चुनाव लड़ने की बात कह चुकी हैं। 2017 की जीत को देखते हुए उनकी दावेदारी भी मजबूत हैं।

अंजू ने कुछ समय पहले कहा था कि भाजपा से उन्हें ही टिकट मिलेगा और वह फिर से पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगी। दूसरी ओर गौरव स्वरूप पूर्व मंत्री चितरंजन स्वरूप के बेटे हैं। गौरव सपा से शहर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। उनके परिवार के राजनीतिक कद को देखते हुए गौरव की भी दावेदारी मजबूत है।

मुजफ्फरनगर नगर पालिका पर बीते 16 साल से अग्रवाल समाज से पालिका अध्यक्ष बन रहा है। फिलहाल 2017 में जीतीं अंजू अग्रवाल चेयरमैन हैं। उनसे पहले 2012 में पंकज अग्रवाल जीते थे। पंकज से पहले 2006 में कपिल देव अग्रवाल ने चुनाव जीता था। कपिल फिलहाल योगी सरकार में मंत्री हैं।