मुजफ्फरनगर। एटीएस (एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाॅड) के शिकंजे में फंसे पीएफआई (पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के सदस्य चरथावल के गांव दधेडू कलां निवासी मुनीर का गांव में कम ही आना जाना था। उसके पिता मंगता और भाई याकूब खेती कर परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। मुनीर एक अधिवक्ता के पास रहकर प्रैक्टिस भी कर रहा था। जिला बार संघ भी जांच में जुटा है।
गिरफ्तार मुनीर का परिवार मध्यम वर्गीय हैं। उसके पिता के पास चार बीघा जमीन है। वह काफी समय से गांव में न रहकर मुजफ्फरनगर शहर में किराए का कमरा लेकर रहता था। उसके संबंध अब पीएफआई से जुडे हुए मिले हैं तो गांव में चर्चा हो रही हैं। वह कचहरी में प्रैक्टिस कर रहा था। जिला बार संघ अध्यक्ष अनिल जिंदल ने कहा कि जानकारी मिली है, इसकी पुष्टि कराई जा रही है।
23 सितंबर 2022 को फुगाना के गांव जोगियाखेड़ा निवासी पीएफआई सदस्य इस्लाम कासमी को तीन साथियों के साथ मेरठ के खरखौदा पुलिस ने पकड़ा था। तब दधेडू कला निवासी मुनीर का नाम सामने आया था। मामले की जांच एटीएस के पास थी। तभी से उसकी तलाश थी। मई में भी एटीएस ने दबिश दी थी लेकिन वह मिल नहीं पाया था। सीएए के विरोध के मामले में वह जेल गया था।
20 दिसंबर 2019 को सीएए के विरोध में मेरठ रोड, मीनाक्षी चौक, देना बैंक, मदीना चौक, महावीर चौक आदि स्थानों पर आगजनी कर दर्जनों वाहन फूंके गए थे। तब पीएफआई की भूमिका सामने आई थी। सिविल लाइन और शहर कोतवाली में तीस से ज्यादा मुकदमे दर्ज कर सैकड़ों लोगों को जेल भेजा गया था। शहर कोतवाली पुलिस ने पीएफआई सदस्य तितावी के गांव जसोई निवासी फरमान, हुसैनाबाद निवासी नफीस और मुर्सलीन तथा नंगला रियावली निवासी इकबाल को पकड़ा था। रतनपुरी के गांव नंगला निवासी पीएफआई सदस्य अतीर्कुरहमान को मथुरा से पकड़ा गया। 28 सितंबर 2022 को एटीएस ने रतनपुर, छपार व शहर कोतवाली क्षेत्र से पीएफआई व सहयोगी संगठन एसडीपीआई के पांच सदस्यों को पकड़ कर शांति भंग की आशंका में चालान किया था। सात मई 2023 को एटीएस ने तितावी निवासी तीन युवकों को पकड़ा था, जिन्हें पूछताछ कर छोड़ दिया गया था।
एटीएस ने मुनीर का मोबाइल, सिम कार्ड कब्जे में लिए हैं। पूर्व में गिरफ्तार पीएफआई नेता मौलाना शादाब का दधेडू में आना जाना रहा था। इसी के चलते मुनीर के मोबाइल की मदद से संगठन के अन्य सदस्यों तक पहुंचने में पुलिस जुटी है। स्थानीय पुलिस ने अपने स्तर से भी जांच पड़ताल शुरू की हैं।