प्रयागराज के फाफामऊ के गोहरी में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या का राज अब डीएनए टेस्ट से खुलेगा। पुलिस ने शनिवार को आठ नामजद आरोपियों समेत 10 लोगों के डीएनए सैंपल एकत्र किए। इसके बाद इन्हें जांच के लिए लैब भेज दिया गया। उधर सभी के फिंगर प्रिंट के भी नमूने लेकर मिलान के लिए भेजे गए। माना जा रहा है कि डीएनए टेस्ट और फोरेंसिक जांच रिपोर्ट हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में बेहद अहम रोल अदा कर सकती है। वहीं, फाफामऊ में परिवार संग मारी गई बेटी ने सुनहरे भविष्य के सपने देखे थे। वह सेना में जाना चाहती थी और इसके लिए उसने कोशिशें भी शुरू कर दी थीं। इसी साल उसने कर्मचारी चयन आयोग के जरिए होने वाली सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन किया था। लेकिन उसकी हत्या के साथ ही दरिंदों ने न सिर्फ उसके बल्कि उसके परिवार के भी इस ख्वाब का कत्ल कर दिया।
परिजनों का कहना है कि किशोरी शुरू से ही सेना में जाना चाहती थी। इसकी प्रेरणा उसे अपने चाचा किशनचंद से मिली थी। गौरतलब है कि किशनचंद एसएसबी में तैनात है। इसी को लेकर उसने इसी साल जुलाई में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स के लिए एसएससी की ओर से निकाली गई जीडी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन भी किया था। हालांकि उसका यह ख्वाब पूरा नहीं हो सका
जांच पड़ताल के दौरान पुलिस को यह बात भी पता चली है कि मृतका नाबालिग नहीं थी। दरअसल उसके एसएससी आवेदन पत्र की एक छायाप्रति पुलिस के हाथ लगी है जिसके मुताबिक एक अगस्त को ही उसकी आयु 25 साल हो गई थी। इसके मुताबिक उसका जन्मवर्ष 1996 है।
पुलिस अफसरों का कहना है कि इस बाबत घरवालों से पूछताछ की जाएगी। गौरतलब है कि मृतका के चाचा की ओर से दी गई तहरीर के मुताबिक, उसके भाई की बेटी की उम्र महज 16 साल थी।