मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। परिवार की एक गलती के कारण उनकी जान जाते-जाते बची है। कड़ाके की ठंड से बचाव के लिए उन्होंने कमरे में कोयले की अंगीठी जलाई। कमरे में वेंटीलेशन न होने के चलते दो बच्चों सहित परिवार के पांच लोग बेहोश हो गए। लोगों ने जब दोपहर तक परिवार के लोगों को उठा नहीं देखा गया। घर का दरवाजा खुला न देखकर लोगों को अनहोनी का अंदेशा हुआ। पड़ोसी छत पर चढ़े। घर में झांककर देखा तो परिवार के लोग बेहोश दिखाई दिए। पड़ोसियों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी।

पुलिस घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची। वहां पर परिवार के पांच सदस्यों को बेहोश देखकर तत्काल अस्पताल ले जाया गया। दो बच्चों की हालत गंभीर दिख रही थी। डॉक्टरों ने दोनों बच्चों को मेरठ रेफर कर दिया। परिवार के अन्य लोगों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। दरअसल, मुजफ्फरनगर में लगातार ठंड का प्रकोप बढ़ा है। शीतलहर से बचने के लिए लोग तरह-तरह के जतन कर रहे हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि बंद घर में अंगीठी या हीटर जलाना जानलेवा साबित हो सकता है।

एक ही परिवार के पांच लोगों के बेहोश होने का मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित मदीना कॉलोनी से आया है। कॉलोनी में रहने वाला सलीम का परिवार रविवार रात एक कमरे में सोया था। दावा किया जा रहा है कि इस परिवार ने सर्दी से बचने के लिए कमरे में कोयले की अंगीठी जलाई। हालांकि, कमरे में वेंटिलेशन नहीं थी। इस कारण दो बच्चे चांद और हजारा की हालत गंभीर हो गई। इनके अलावा सलीम, निशारा और तबस्सुम भी बेहोश मिले।

घटना को लेकर सीओ सिटी व्योम बिंदल ने कहा कि सोमवार शाम थाना सिविल लाइन को जानकारी मिली कि मदीना कॉलोनी के पास एक घर में एक परिवार के लोग बेहोशी की हालत में पाए गए हैं। पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां कमरे में एक कोयले की बुझी अंगीठी पाई गई। कमरे में वेंटिलेशन पॉइंट नहीं था। कमरे में धुआं भरा हुआ था। पुलिस ने तत्काल घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। सीओ ने कहा कि अन्य परिजनों को घटना की जानकारी दी गई है।