मुजफ्फरनगर। जिले में सोमवार की अलसुबह हुए हादसे ने छह परिवारों की खुशियां छीन ली। हादसे में मारे गए छह युवकों में चार अपने परिवारों के इकलोते बेटे थे। छह में से पांच युवक अपने परिवार का सहारा थे ओर संघर्ष कर अपने जीवन की राह बनाने का प्रयास कर रहे थे।

दिल्ली-देहरादून हाईवे पर कार के आगे चल रहे ट्रक का ब्रेक लगते ही छह परिवारों की खुशियां छिन गई। दीपावली मनाकर मसूरी और हरिद्वार घूमने निकले छह दोस्तों की हादसे में मौत हो गई। दिवाली पर्व की छुट्टी पहाड़ पर घूमकर मनाने के इरादे से सभी दोस्त निकले थे। युवकों की मौत से उनके परिवार में शोक छाया है।

हादसे के बाद पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे परिजनों ने बताया कि विशाल अपने पिता के साथ थ्री-व्हीलर चलाता था। उसकी दोस्ती बीबीए की शिक्षा हासिल कर रहे पारस से थी। पारस के पास कार भी थी। इसी के चलते दिवाली की छुट्टी पर सभी दोस्तों ने मसूरी और हरिद्वार घूमने जाने के लिए कार्यक्रम बनाया था, लेकिन मंगलवार सुबह ट्रक के चालक के अचानक ब्रेक लगाए जाने से उनकी जिंदगी छीन ली।

भागवत के परिजन बताते हैं कि मसूरी घूमने जाने वालों में भागवत का भांजा विशाल भी शामिल था। यही वजह है कि भागवत ने घूमने जाने से पहले घर पर कहा था कि पापा एक दिन की ही तो बात है। अगले दिन घूम कर आ जाएंगे। इसके बाद वह रात में ढाई बजे अपने भांजे व उसके दोस्तों के साथ कार में बैठ कर चला गया।

दिल्ली से मसूरी घूमने जा रहे मृतकों के मध्यम वर्गीय परिवार हैं। छह में से चार युवक अपने परिवार में इकलौते पुत्र थे। अधिकतर युवक अपना भविष्य बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। मृतक कुणाल शर्मा ने कक्षा दस तक ही शिक्षा प्राप्त की थी। उसके पिता शाहदरा में कपड़े की दुकान करते हैं।

वह भी अपने पिता का हाथ बंटाने के लिए दुकान पर बैठता था। वह तीन बहनों का सबसे बड़ा इकलौता भाई था। उसका चचेरा भाई पारस बीबीए प्रथम वर्ष की शिक्षा प्राप्त कर रहा था। वह अपने एक छोटी बहन का इकलौता भाई था। उसके पिता ठेकेदारी करते है। कुणाल व पारस का परिवार एक ही मकान में साथ-साथ रहते हैं।

धीरज के पिता होमगार्ड हैं। उसने कक्षा दस तक ही शिक्षा प्राप्त की थी। वह अपने लिए काम की तलाश में था। उसकी तीन बड़ी बहनें हैं और अपने परिवार में भाई बहनों में सबसे छोटा था। मृतक शिवम उर्फ शुभम बजाज फाइनेंस कंपनी में नौकरी करता था। वह अपनी इकलौती बहन का इकलौता भाई था।

मेरठ निवासी भागवत के पिता बिजली मिस्त्री हैं। पांच बहने व दो भाई हैं। वह सबसे छोटा था। पिता का हाथ बंटाने के लिए वह मोहननगर में अपनी जीजा सुनील की चाय की दुकान पर काम करता था। वह दिवाली का त्योहार मनाने के लिए अपने घर मेरठ आया था। लेकिन सोमवार रात में उसका भांजा विशाल अपने चार दोस्तों के साथ मसूरी घूमने जा रहा था तो उसने भी उनके साथ जाने का कार्यक्रम बनाया।

वह रात में ढाई बजे कार में सवार होकर अपने भांजे व उसके दोस्तों के साथ घूमने चल दिया था। भागवत का भांजा विशाल चार भाई व एक बहन हैं। जिनमें वह सबसे बड़ा है। विशाल के पिता थ्री-व्हीलर चलाते हैं, वह भी अपने पिता के साथ ही थ्री-व्हीलर चलाता था।

शुभम की नौ दिसंबर को शादी होनी थी। पांच दिसंबर को सगाई का कार्यक्रम था। बेटे की मौत की सूचना पाकर परिजन पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे थे। वहां उनका रो रोकर बुरा हाल था।

दिन निकलने के समय सुबह चार बजे दिल्ली देहरादून हाईवे पर हुआ हादसा बेहद दर्दनाक व दिल दहला देने वाला था। पुलिस ने आसपास के लोगों की मदद से खिड़की काटकर युवकों को बाहर निकाला तो सभी युवक मृत हालत में थे।

दिल्ली-देहरादून हाईवे पर हुए हादसे को देखकर मार्ग से गुजर रहे चौपहिया व दुपहिया वाहन सवार राहगीर जहां के तहां रुक गए थे। हादसे को देखकर सभी मौके पर जा पहुंचे थे और उन्होंने पुलिस को सूचना देने के साथ ही कार में फंसे युवकों को बाहर निकालने के प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिली।

बाद में पुलिस ने मिस्त्री को कटर लेकर बुलाया तब खिड़की काट कर युवकों को बाहर निकाला गया। सभी युवकों की मौत हो चुकी थी। इसके बाद भी पुलिस ने सभी युवकों को जिला अस्पताल भिजवाया।