मुजफ्फरनगर । लोकसभा से केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान को तीसरी बार चुनाव मैदान में उतारकर साफ कर दिया है कि रालोद से गठबंधन के बावजूद वह पश्चिम में भाजपा का जाट चेहरा बने रहेंगे।

भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रत्याशियों के पुराने जातीय समीकरण को ही बरकरार रखने का प्रयास किया है। मुजफ्फरनगर लोकसभा से केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान को तीसरी बार चुनाव मैदान में उतारकर साफ कर दिया है कि रालोद से गठबंधन के बावजूद वह पश्चिम में भाजपा का जाट चेहरा बने रहेंगे। मेरठ और सहारनपुर के टिकट की घोषणा रोक दिए जाने के पीछे बदलाव की अटकलों को और अधिक बल मिला है।

लोकसभा चुनाव में पहले चरण की शुरुआत पश्चिम उत्तर प्रदेश से ही होती रही है। भाजपा ने शनिवार को प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी, जिससे समीकरण भी साफ होने शुरू हो गए हैं। मुजफ्फरनगर से तीसरी बार केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान उम्मीदवार होंगे। उन्होंने 2014 और 2019 में कमल खिलाया था। पहली सूची में दूसरे जाट प्रत्याशी फतेहपुर सीकरी से वर्तमान सांसद राजकुमार चाहर हैं। बागपत सीट रालोद के हिस्से में चली जाने के कारण यहां से वर्तमान सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह का टिकट भी घोषित नहीं हुआ है।

कैराना में तमाम अटकलों के बीच फिर से वर्तमान सांसद प्रदीप चौधरी को ही मैदान में उतारा है। इस सीट पर समाजवादी पार्टी पहले ही इकरा हसन को प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। दोनों ही प्रत्याशी गुर्जर समाज से आते हैं।

नगीना सुरक्षित सीट पर इस बार भाजपा ने बदलाव किया है। विधायक ओम कुमार को प्रत्याशी बनाया गया है, जबकि 2019 में पूर्व मंत्री डॉ. यशवंत सिंह को चुनाव लड़ाया गया था, भाजपा यह सीट हार गई थी। इस सीट पर रालोद ने भी अपना दावा किया था, लेकिन सीट भाजपा के हिस्से में ही रही।

पश्चिम की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में शामिल सहारनपुर और मेरठ के लिए अभी टिकट के दावेदारों को इंतजार करना पड़ेगा। 2019 में भाजपा को सहारनपुर में बसपा के सामने हार का सामना करना पड़ा था। मेरठ सीट को लेकर भी अभी फैसला नहीं हो सका है। यहां भी टिकट में बदलाव की संभावनाओं से इन्कार नहीं किया जा सकता।