विशेष लोक अभियोजक यशपाल सिंह ने बताया कि दस अप्रैल 2017 को मंसूरपुर क्षेत्र के गांव खानपुर निवासी अरुण (17) को पड़ोसी काजू उर्फ राजकुमार अपने नाबालिग साथी के साथ मिलकर घर से बुला ले गया था। इसके बाद आरोपी तो घर लौट आए, लेकिन अरुण का सुराग नहीं लगा। उसका मोबाइल भी लगातार स्विच ऑफ आता रहा। इस पर पिता सतीश ने 12 अप्रैल को बेटे के अपहरण का मुकदमा आरोपी काजू उर्फ राजकुमार, कपिल, मोनू व एक नाबालिग के खिलाफ दर्ज करा दिया था। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की तो उन्होंने अरुण की हत्या कर शव गंगनहर में फेंके जाने की जानकारी दी।
बाद में सरधना पुलिस ने गंगनहर से अरुण का शव बरामद किया था। मुकदमे की सुनवाई एससी-एसटी कोर्ट में न्यायाधीश जमशेर अली के समक्ष हुई। विशेष लोक अभियोजन यशपाल सिंह के साथ ही वादी पक्ष की अधिवक्ता असमा खान ने भी आरोपियों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य प्रस्तुत किए।
यशपाल सिंह ने बताया कि न्यायाधीश ने काजू उर्फ राजकुमार को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं, दो आरोपियों कपिल व मोनू को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया। इसके साथ ही, चौथे नाबालिग आरोपी का मामला जुवेनाइल कोर्ट में अलग से विचाराधीन है।
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