मुजफ्फरनगर। टिपर वाहन समेत चार आरोप में कार्रवाई करते हुए प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल के वित्तीय अधिकार को सीज कर दिया है। उधर पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल का कहना है कि शासन के द्वारा उनका कोई कुसूर हुए बिना ही जबरदस्ती अधिकार सीज किए जा रहे हैं। इस मामले में वह हाईकोर्ट जाएंगी।
शासन की ओर से डीएम को भेजे गए वित्तीय अधिकार सीज करने के आदेश को रिसीव कराने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारी पालिकाध्यक्ष के आवास के चक्कर काटते रहे। पालिकाध्यक्ष के नहीं मिलने का तर्क देते हुए आदेश रिसीव न होने पर सदर तहसीलदार ने पालिकाध्यक्ष के आवास पर इस कार्यालय ज्ञाप को चस्पा करा दिया है। वहीं पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल का कहना है कि उनके आवास पर आदेश रिसीव कराने के लिए कोई भी नहीं आया है।
पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल के वित्तीय अधिकार सीज होने से दिन भर नगर पालिका में तरह तरह की चर्चा होती रही। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात के पालिकाध्यक्ष के वित्तीय अधिकार सीजन करने के आदेश की प्रति रात में ही डीएम को भेज दी गई थी। दस पेज के इस आदेश की मूल प्रति रात में ही नगरपालिका परिषद अध्यक्ष को रिसीव कराने के लिए सदर तहसीलदार को डीएम ने नामित कर दिया था।
तहसीलदार सदर ने नईमंडी में जानसठ रोड पर मीका विहार में पालिकाध्यक्ष के आवास पर पहुंचकर इस आदेश की प्रति को चस्पा कर दिया। आदेश की प्रति चस्पा करने से यह संकेत जाता है कि या तो नगरपालिका अध्यक्ष अंजु अग्रवाल घर पर नही मिली या फिर उन्होंने आदेश को रिसीव करने से इंकार कर दिया। हालांकि नगरपालिका परिषद अध्यक्ष का कहना है कि उनके आवास पर प्रदेश शासन का आदेश लेकर कोई नही आया।
बुधवार को सदर तहसीलदार अभिषेक शाही शासन से आए नगरपालिका परिषद अध्यक्ष के वित्तीय अधिका को सीज करने के आदेश की प्रति को रिसीव कराने के लिए पालिकाध्यक्ष के आवास पर पहुंचे। तहसीलदार का कहना है कि पालिकाध्यक्ष आवास नहीं मिली है। जिस कारण आदेश उनके आवास पर चस्पा कर दिया गया है। सदर तहसीलदार का कहना है कि दोबारा से आदेश रिसीव कराने के लिए नायब तहसीलदार को भेजा गया है।