मुजफ्फरनगर। कोरेना से मौत का सरकारी आंकड़ा भले ही कुछ कहता हो लेकिन जो लोग इस जानलेवा महामारी में अपनों को खो रहे हैं उनके दुख का वर्णन शब्दों में नही किया जा सकता है। जिन लोगों की कोरोना से मौत हो रही है उनकी अंतिम यात्रा में सभी परिजन शामिल तक नही हो पा रहे हैं। श्मशान घाट पर हालात यह है कि बिना कोरोना के भी मौत का आंकड़ा जबर्दस्त बढ़ गया है।

नई मंडी श्मशान घाट पर गुरुवार को दिन में कुल 19 शव पहुंचे जिनमें 8 की मौत कोरोना से होने के कारण उनका अंतिम संस्कार गाइड लाइन के अनुसार पीपीई किट पहनकर कराया गया।दूसरी ओर शहर के शमशान घाट पर भी दिनभर में 13 शवों में पांच कोरोना संक्रमित लोगों के रहे। दिनभर शहर के दोनों श्मशान घाट पर शवों को लाने वाले वाहनों की कतार लगी रही।

नई मंडी श्मशान घाट के व्यवस्थापक संजय मित्तल ने बताया कि श्मशान घाट पर सुबह से ही अंतिम संस्कार को शव पहुंचने शुरू हो जाते हैं। जिन लोगों की रात में मौत होती है वह पहले से ही तैयारी में जुट जाते हैं। दिनभर में कुल 19 शव पहुंचे। यहां पर आठ कोरोना संक्रमित रहे। हालांकि बिना कोरोना के भी 11 मौत होना काफी अश्चर्यजनक है। कोरोना काल में दहशत से भी मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण से मरे लोगों के शवों का अंतिम संस्कार तो पूरी तरह से गाइड लाइन का पालन कराते हुए कराया गया।

शहर श्मशान घाट के मंत्री शिवचरण गर्ग ने बताया कि गुरुवार को 13 शवों में पांच कोरोना संक्रमित रहे। उन्होंने बताया कि कोरोना के अलावा भी मौत का आंकड़ा बढ़ना काफी परेशानी भरा है। सामान्य दिनों में श्मशान घाट पर महीने में औसतन तीन से चार के बीच शव पहुंचते थे। कभी कभी सौभाग्य का दिन भी होता था जिस दिन श्मशान घाट में किसी का अंतिम संस्कार नही होता था लेकिन इस बार तो सारे रिकार्ड टूटते जा रहे हैं। कोरेना संक्रमित शव तो आ रही रहे हैं साथ ही कोरोना के अलावा भी रोज बड़ी संख्या में शव आ रहे हैं।