मुजफ्फरनगर। यूपी बोर्ड परीक्षा को लेकर आई केंद्रों की सूची के बाद अब विद्यालयों की ओर से आपत्तियां भी आ गई है। जिले के अलग-अलग विद्यालयों से 80 आपत्तियां आई। जिनमें अधिकांश राजकीय विद्यालय है। संसाधन न होने और दूर दराज केंद्र बनाए जाने को लेकर आपत्ति दी गई।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से 23 नवंबर को परीक्षा केंद्रों की सूची जारी की गई थी। इसके बाद आपत्ति के लिए छह दिन का समय दिया गया था। 24 से 29 नवंबर तक जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर ऑनलाइन और ऑफलाइन 80 आपत्तियां आईं। डीआईओएस डॉ. धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि 21 राजकीय विद्यालयों ने केंद्र निरस्त करने, 44 आपत्तियां केंद्रों की दूरी और 15 आपत्तियां उन विद्यालयों की आई है, जो पिछले साल केंद्र बने थे और इस बार नहीं बने हैं। उन्होंने कहा कि राजकीय विद्यालयों में परीक्षा कराने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है।
सीसीटीवी कैमरे, फर्नीचर सहित अन्य सुविधाओं का अभाव है। ऐसे में इन विद्यालयों की ओर से केंद्र निरस्त करने की आपत्ति दी गई है। इसके अलावा 44 आपत्तियां केंद्रों की दूरी को लेकर आई है। जिसमें कहा गया है कि उनके केंद्र काफी दूरी पर बनाए गए है, आवागमन में परेशानी होगी। इनमें अशासकीय और वित्तविहीन विद्यालय शामिल हैं। 15 आपत्तियां उन विद्यालयों की आई हैं, जो इस बार भी अपने विद्यालय पर केंद्र चाहते हैं।
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि इस बार केंद्रों की दूरी दो-दो किलोमीटर बढ़ाई गई है। बोर्ड की ओर से बालकों के लिए 12 और बालिकाओं के लिए सात किलोमीटर की दूरी पर केंद्र बनाए गए है। इससे पहले बालकों के लिए 10 और बालिकाओं के लिए पांच किलोमीटर की दूरी पर केंद्र बनाए जाने का नियम था।
यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए प्रस्तावित केंद्रों की दूरी 15-20 किमी तक की है। शहर के विद्यालयों का सेंटर छपार के क्षेत्रों में लगाया गया है। ऐसे में छात्र-छात्राओं को परीक्षा देने के लिए 15-20 किमी तक की दूरी तय करनी होगी। इस दौरान उन्हें कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।