मुज़फ्फरनगर : मीरापुर उपचुनाव के टिकट को लेकर भाजपा और रालोद के दावेदारों ने एक-दूसरे के खिलाफ अंदरूनी मोर्चेबंदी शुरू कर दी है। वहीं रालोद के दावेदारों ने टिकट के लिए दिल्ली में डेरा डाला हुआ है।

मीरापुर उपचुनाव के टिकट के लिए रालोद का टिकट उलझ गया है। भाजपा और रालोद के दावेदारों ने एक-दूसरे के खिलाफ अंदरूनी मोर्चेबंदी शुरू कर दी है। रालोद अध्यक्ष एवं केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत सिंह के पास टिकट की पैरवी के लिए दावेदार पहुंचे। शर्ताें और शिकायतों में टिकट उलझता हुआ नजर आ रहा है। उधर, गाजियाबाद में बसपा के पश्चिम उत्तर प्रदेश प्रभारी शमसुद्दीन राइन की बैठक के बाद मुस्लिम प्रत्याशी को ही टिकट दिए जाने की संभावना है।

भाजपा-रालोद गठबंधन के टिकट को लेकर 20 से अधिक दावेदार हैं। पूर्व राज्यसभा सांसद राजपाल सैनी, पूर्व विधायक मिथलेश पाल, बिजनौर सांसद चंदन चौहान की पत्नी यशिका चौहान, रालोद नेता रामनिवास पाल के पैनल की चर्चा तेज हो गई थी।

शनिवार को टिकट का खेल उलझता नजर आया। मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के कुछ लोगों ने एक बड़े चेहरे के टिकट की खिलाफत शुरू कर दी है। रालोद अध्यक्ष तक अपना-अपना पक्ष भिजवाया गया। टिकट को लेकर रालोद नेताओं ने दिल्ली में डेरा जमा रखा है।

टिकट के लिए भाजपा नेताओं की दावेदारी पर भी रालोद में सहमति कम नजर आ रही है। कुछ नेताओं ने यह भी कहा कि जिसका सिंबल प्रत्याशी भी उसी का होना चाहिए।

असल में भाजपा खेमे से पूर्व सांसद राजपाल सैनी, पूर्व विधायक मिथलेश पाल, क्षेत्रीय मंत्री अमित राठी के अलावा पूर्व एमएलसी प्रशांत गुर्जर भी दावेदारों की सूची मे है। ऐसे में रालोद से टिकट के दावेदारों में बेचैनी है। पूर्व सांसद राजपाल सैनी और पूर्व विधायक मिथलेश पाल रालोद में रह चुके हैं।

गाजियाबाद में बसपा के पश्चिम उत्तर प्रदेश प्रभारी शमसुद्दीन राइन की बैठक के बाद मुस्लिम प्रत्याशी को ही टिकट दिए जाने की संभावना है। राइन ने मीरापुर उपचुनाव के लिए संगठन के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई थी। जिसके बाद यह लगभग तय हो गया है कि विधानसभा प्रभारी बनाए गए कम्हेड़ा के शाह नजर को ही टिकट दिया जा सकता है। लेकिन लखनऊ में बसपा के टिकट के लिए कई दावेदार जोड़-तोड़ में लगे हुए हैं।