मुजफ्फरनगर. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में आशीष मिश्रा की जमानत रद्द होने पर प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने मामले में सही तथ्य प्रस्तुत नहीं किए।

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने पर भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि यूपी सरकार ने तथ्य प्रस्तुत नहीं किए, इसलिए जमानत याचिका रद्द कर दी। हमें न्यायपालिका पर भरोसा है और उम्मीद है कि आने वाले समय में किसानों को न्याय मिलेगा।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी और केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से 10 फरवरी से मिली जमानत के आदेश को रद्द कर दिया।

चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की विशेष पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने कई अप्रासंगिक कारकों पर विचार किया और पीड़ितों को याचिका का विरोध करने के लिए पर्याप्त समय दिए बगैर आदेश पारित करने में जल्दबाजी दिखाई। शीर्ष अदालत ने आशीष मिश्रा को एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से इस मामले पर नए सिरे से विचार करने के लिए भी कहा है।

ये था मामला
पिछले वर्ष तीन अक्टूबर को कई किसान उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की लखीमपुर खीरी जिले की यात्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे तब चार किसान एक एसयूवी द्वारा कुचले जाने के बाद मारे गए थे।