रामपुर तिराहा कांड़ के सामूहिक दुष्कर्म, लूट, छेड़खानी आदि के दो मुकदमों में अदालत में हाजिर नहीं होने पर अभियुक्त 23 पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए गए। अदालत ने अभियुक्तों के हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र को मिथ्या और भ्रामक मानते हुए निरस्त कर दिया। अगली सुनवाई तीन मार्च को होगी।

अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह ने सीबीआई बनाम राधा मोहन द्विवेदी और सीबीआई बनाम विक्रम सिंह तोमर के मुकदमें की सुनवाई की। एडीजीसी परविंद्र सिंह ने बताया कि अभियुक्त पुलिसकर्मी राधा मोहन द्विवेदी, कृपाल सिंह, महेश चंद्र शर्मा, नेत्रपाल सिंह, सुमेर सिंह, देवेंद्र सिंह, सतीश चंद्र शर्मा, तमकीम अहमद, मिलाप सिंह, सुरेंद्र सिंह, ब्रजेश कुमार, कुंवरपाल सिंह, प्रबल प्रकाश, राकेश कुमार मिश्रा, वीरेंद्र कुमार, संजीव कुमार भारद्वाज, राकेश कुमार सिंह, कुशलपाल सिंह, राजपाल सिंह, वीरेंद्र प्रताप, विजय पाल सिंह और नरेश कुमार त्यागी की ओर से अधिवक्ता ने हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया।

बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि अभियुक्त सरकारी सेवा में हैं इसलिए उपस्थिति नहीं हो पाए हैं। अदालत ने तर्क को मिथ्या मानते हुए खारिज कर दिया और गैर जमानती वारंट जारी कर दिए हैं। इसके अलावा अभियुक्त विक्रम सिंह के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया है। कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया कि अभियुक्त को अदालत में तीन मार्च को हाजिर करें।

सीबीआई के मुकदमे में अभियुक्त रणपाल सिंह की हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र अदालत ने स्वीकृत किया है। अदालत ने कहा कि आज के लिए यह स्वीकृत किया जाता है।

राज्य सरकार की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता परवेंद्र सिंह, उत्तराखंड़ समिति की ओर से केपी सिंह एडवोकेट और सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। सहायक शासकीय अधिवकता परमेंद्र ने बताया रामपुर तिराहा कांड से संबंधित सेशन कोर्ट के मुकदमे की सीबीआई से संबंधित गंभीर धाराओं के मुकदमों की सुनवाई के लिए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह को अधिकृत किया है।