मुजफ्फरनगर। आठ साल पहले कवाल कांड को लेकर खालापार के शहीद चौक पर हुई सभा में भड़काऊ भाषण देने के मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद सईदुज्जमां सहित सात आरोपी एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में पेश हुए। इस मामले में मंगलवार को आरोप तय होने थे। पूर्व सांसद कादिर राना सहित तीन आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए। अब अदालत ने इस मामले में आरोपियों का चार्ज फ्रेम करने के लिए एक सितंबर की तारीख लगाई है। सभी आरोपियों को अदालत में पेश होने के आदेश दिए हैं।

आठ साल पहले 27 अगस्त 2013 में कवाल कांड हुआ था, जिसको लेकर 30 अगस्त 2013 को शहर के खालापार स्थित शहीद चौक पर एक वर्ग के लोगों ने सभा की थी। सभा में भड़काऊ भाषण देने और दंगा भड़काने के आरोप का मुकदमा पुलिस की ओर से शहर कोतवाली में दर्ज किया गया था, जिसमें तत्कालीन बसपा सांसद कादिर राना, तत्कालीन चरथावल विधायक नूरसलीम राना, मीरापुर विधायक मौलाना जमील अहमद कासमी, पूर्व कांग्रेस सांसद व पूर्व गृहराज्यमंत्री सईदुज्जमां, उनके पुत्र सलमान सईद, एडवोकेट असद जमां, सुल्तान मुशीर, अहसान कुरैशी, नौशाद कुरैशी और मुशर्रफ के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने समेत अन्य आरोपों में यह मामला दर्ज हुआ था।

इस मुकदमे की सुनवाई एडीजे- 4 की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही है। मुकदमे में मंगलवार को आरोपियों पर चार्ज फ्रेम होना था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता नकली त्यागी ने बताया कि मंगलवार को कोर्ट में सात आरोपी पूर्व सांसद सईदुज्जमां, पूर्व विधायक मौलाना जमील, असद जमा, सुल्तान मुशीर, मुशर्रफ़ कुरैशी, एहसान कुरैशी व नौशाद कुरैशी कोर्ट में पेश हुए।

पूर्व सांसद कादिर राना, पूर्व विधायक नूरसलीम राना और सलमान सईद कोर्ट में नहीं आए। तीनों की ओर से हाजिरीमाफी कोर्ट में दी गई। इसी कारण चार्ज नहीं बन सका। विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र शर्मा ने बताया कि अब अदालत ने इस मामले में सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का आदेश देते हुए आरोप तय करने के लिए एक सितंबर की तारीख नियत की है।