मुजफ्फरनगर। डेडिकेटेड फ्रेट रेल कॉरिडोर का एसएजी (सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रुप) की टीम ने सघन निरीक्षण किया। न्यू खुर्जा से न्यू खतौली तक सेक्शन में 135 किमी में बने 13 स्टेशनों का सघन निरीक्षण किया गया। विशेष रेल चेयर कार से नॉर्दन रेलवे बोर्ड और डीएफसीसी के अधिकारी पूरे दिन काॅरिडोर पर ट्रैक की क्षमता, पुलों आदि की जांच में जुटे रहें। सिग्नल और विद्युतीकरण के मानकों का बारीकी से पड़ताल की गई। प्रत्येक स्टेशन पर व्यववस्था दुरूस्त मिलने के बाद रेलवे बोर्ड से कॉमर्शिलय ऑपरेशन की प्रक्रिया पूरी हो गई।
शुक्रवार रात करीब 8.40 बजे फ्रेट रेल कॉरिडोर की जांच पड़ताल के लिए रेलवे बोर्ड के उच्च अधिकारियों की टीम विशेष चेयर कार से खतौली स्टेशन पर उतरी। एसएजी दौरे का यह आखरी स्टेशन था। खुर्जा से न्यू खतौली तक 135 किमी में बने ट्रैक की क्षमता, पुलों की गुणवत्ता और प्रत्येक स्टेशन पर सिग्नल और कंप्यूटर माॅनिटरींग सिस्टम की जांच की। तकनीकी अधिकारी जांच दल में मौजूद रहे। उन्होंने नए ट्रैक से जुड़े प्रत्येक बिंदुओं के मानकों की बारीकी जांच की।
जिले के न्यू खतौली स्टेशन पर अफसरों का दौरा रात करीब 10 बजे संपन्न हुआ। शुक्रवार को सुबह नौ बजे उच्चाधिकारियों की खुर्जा पहुंचें। उसके बाद दिल्ली के बडौदा हाउस से नॉर्दन बोर्ड के अधिकारी, डीएफसीसी के साथ निर्माण कंपनी एलएंडटी के अधिकारियों नस्चेयर कार से दौरा शुरू किया। पूरे निरीक्षण के बाद इस सेक्शन के काॅमर्शियल ऑपरेशन की प्रक्रिया पूरी हो गई।
नार्दन रेलवे के पीसीएसओ प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी (पीसीएसओ) डिंपी गर्ग के नेतृत्व में सीएसई राजीव कुमार, सीटीई आलोक मिश्रा, सीईडीई आशीष महरोत्रा, डीएफसीसी के अधिशासी निदेशक मुकेश कुमार जैन, मेरठ यूनिट के सीजीएम पवन कुमार, मुख्यालय के जीजीएम मुकेश कुमार और जीएम एएस पंवार शामिल रहे। एलएंडटी के अधकारी अनुराग कपिल और एसके सक्सेना मौजूद रहे।
13 स्टेशनों में मुख्य रूप से बुलंदशहर, हापुड़, परतापुर, सकौती, खतौली स्टेशनों के ट्रैक इलेक्ट्रॉनिक लाइन, पुल की बारीकी से निरीक्षण किया। बताया कि पिछले चार महीने में करीब 1200 मालगाड़ियां इस ट्रैक से सफलतापूर्वक गुजरी है। कंपनी के अधिकारी ने बताया खुर्जा से पिलखनी तक 222 किमी का ट्रैक 31 मार्च तक पूरा करने के बाद डीएफसीसी सुपुर्दगी में लेगी।
डीएफसीसी मेरठ यूनिट के मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) पवन कुमार ने बताया 13 स्टेशनों पर जांच के बाद निरीक्षण सही पाया गया। एसएजी विस्तृत रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंपेगा। उसके बाद नए ट्रैक को कॉमर्शियल ऑपरेशन की अनुमति मिल जाएगी। जांच प्रक्रिया पूरी हो गई। अधिकारियों ने खतौली क्षेत्र में फाटक नंबर-43 और 41 में रोड ओवर ब्रिज के कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। इसके अलावा एक बुलंदशहर में मामन और दो अन्य स्थानों पर रोड़ ओवर ब्रिज बनाने का सुझाव दिया है।