मुज़फ्फरनगर : जनपद में बेलगाम मिट्टी खनन का काम जोरों पर चल रहा है और स्थानीय प्रशासन इस पर पूरी तरह से मौन है। ये खनन न केवल पर्यावरण के लिए खतरे की घंटी बन चुका है, बल्कि ये भी सवाल खड़ा करता है कि अधिकारी इस गंभीर मुद्दे पर आंखें मूंदे हुए क्यों हैं।

स्थानीय सड़कों पर बेखौफ मिट्टी से भरे टैक्टर-टॉली दौड़ते दिखाई दे रहे हैं, लेकिन प्रशासन इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। हाल ही में कई वीडियो सामने आए हैं, जिनमें ये टैक्टर-टॉली सड़कों पर बेरोकटोक दौड़ते नजर आए हैं। बावजूद इसके अधिकारियों की कार्यशैली पर कोई असर नहीं पड़ा है।

गुरूवार को जिले के रूडकी रोड और जौली रोड पर दौड रहे मिट्टी से भरे टैक्टर-टॉली एक बार फिर मीडिया के कैमरों में कैद हुए। दोनों ही मामलों में जेसीबी से मिट्टी खोदी गई साफ नजर आई। जौली रोड और रूडकी रोड से टैक्टर-टॉली मुजफ्फरनगर की तरफ आती नजर आई, जो कहीं ना कहीं किसी प्लाट के भराव के लिए जा रही हैं।

एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण को लेकर कड़ी सख्ती दिखाई है, वहीं मुजफ्फरनगर में खनन माफिया खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। खासकर शहर के रूडकी रोड और जौली रोड पर मिट्टी से भरे टैक्टर-टॉली कैमरों में कैद हुए हैं। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहा है।

सवाल यह उठता है कि जब जनता और मीडिया को यह सब दिखाई दे रहा है, तो फिर अधिकारी इस पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं? मुजफ्फरनगर, जो दिल्ली एनसीआर का हिस्सा है, यहां पर मिट्टी खनन पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके बावजूद, यह काला खेल जारी है और अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। विशेष रूप से खनन विभाग तो जैसे इस मामले में पूरी तरह से साइलेंट हो गया है।