मुज़फ्फरनगर : यूपी सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने संसद की घटना में घायल हुए बीजेपी नेताओं को लेकर राहुल गांधी पर बड़ा बयान दिया है. जिसमें उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं लेकिन उन्होंने संसद की घटना में घायल हुए सांसद का एक बार भी हालचाल नहीं पूछा है. मंत्री कपिल देव का कहना है कि राहुल गांधी में किसी भी तरह की संवेदना नहीं है, इसलिए पार्टी को जिस व्यक्ति को विपक्ष का नेता बनाया है, उस पर पूरा विचार करने के बाद किसी और को मौका देना चाहिए।
आपको बता दें कि शनिवार रात को मंत्री कपिल देव अग्रवाल मुजफ्फरनगर जिले के शहर स्थित शिव चौक पर पहुंचे थे, जहां मीडिया से बात करते हुए उन्होंने संसद में हुई घटना पर कहा कि राहुल गांधी जी में किसी भी तरह की संवेदना नहीं है। वो कहते हैं कि मैंने धक्का नहीं दिया, लेकिन आपके धक्का देने से आपका एक सांसद घायल हो गया, गिर गया, चोटिल हो गया और अस्पताल में भर्ती हुआ, लेकिन आप उससे मिलने के बाद भी उसका हालचाल नहीं पूछोगे, आप विपक्ष के नेता हैं, संसद में आपकी बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि श्री राहुल गांधी के पास किसी भी प्रकार की संवेदना नहीं है, वो कैसे बोलते हैं, कैसे काम करते हैं, लोकसभा के अंदर उनका प्रेजेंटेशन कैसा होता है, उनका भाषण कैसा होता है, किस प्रकार की शब्दावली का वो उपयोग करते हैं, तो मुझे लगता है कि जिस पार्टी ने ऐसे व्यक्ति को विपक्ष का नेता बनाया है उस पर पुनर्विचार करना चाहिए, किसी और व्यक्ति को मौका देना चाहिए, देखिये, भारतीय जनता पार्टी ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी को जो सम्मान आज दिया, हमेशा से नहीं, जब सत्ता में नहीं थी, सत्ता में आने के बाद भी, जब भी संविधान का विषय आता है जय डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की जयंती हर वर्ष भारतीय जनता पार्टी ही मनाती है।
इन लोगों की पार्टियां, जिन्हें जनता ने नकार दिया है, उनके पास कुछ भी नहीं है, उनका आज समाज में कोई अस्तित्व नहीं है, वो लोग अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। डॉ. भीमराव अंबेडकर का पहले भी सम्मान था, आज भी उनका सम्मान है और भविष्य में भी उनका सम्मान रहेगा, अगर कोई लाठी-डंडे लेकर संसद के अंदर जाता है, ये गैरजिम्मेदाराना है, अगर उन्होंने ऐसी बात कही, जैसा आप कह रहे हैं, कि कोई लाठी-डंडे लेकर सदन के अंदर जा सकता है, क्या ये सब बातें गैरजिम्मेदाराना हैं, ऐसा नहीं होता है और हो भी नहीं सकता है और अगर उन्होंने ऐसा कहा है, तो ये बहुत ही निंदनीय है।