। रोहाना कलां रेलवे स्टेशन से चरथावल एवं सदर ब्लॉक के 50 गांवों से ज्यादा जुड़े हैं। कोरोना काल में यहां कई पैसेंजर के पहिए थम गए थे। पांच साल बाद संचालन नहीं हो सका। रोजाना यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती हैं। इस स्टेशन पर दिन में 12 घंटे के अंतराल में किसी यात्री गाड़ी का ठहराव नहीं है। सहारनपुर की तरफ से अलसुबह आने वाली सिर्फ तीन ट्रेन रुकती है।
रोहाना में सुबह 6.07 बजे के बाद दिल्ली की तरफ जाने वाली कोई गाड़ी नहीं रूकती। केंद्र सरकार महंगे किराए वाली वंदे भारत जैसी ट्रेन चलाई जा रही, लेकिन ग्रामीण अंचल के मुसाफिरों को कोई फायदा नहीं है। ना सुपर एक्सप्रेस नहीं रुकती हैं। कोरोना से पूर्व संचालित पैसेंजर ट्रेनों के संचालन की मांग उठ रही है।
रोहाना कलां स्टेशन चरथावल, पुरकाजी और मुजफ्फरनगर विधान सभा क्षेत्र के तीन ब्लॉकों से जोड़ता है। आसपास के करीब 50 गांवों के यात्रियों के लिए गंतव्य तक जाने के लिए यह स्टेशन महत्वपूर्ण माना जाता हैं। मुजफ्फरनगर से सहारनपुर रेल लाइन पर बामनहेड़ी के बाद रोहाना कलां स्टेशन पड़ता है। कोरोना काल से पूर्व इस स्टेशन पर पहले दिल्ली जाने के पांच गाड़ियों का ठहराव था। वापसी में सात से नौ बजे तक दो गाड़ियों सहित पांच गाड़ियां सहारनपुर की तरफ रोहाना स्टेशन पर रूककर जाती है। लेकिन वर्तमान में स्थिति बदली हुई है।