मुजफ्फरनगर। छह साल पहले खतौली में हुए उत्कल ट्रेन हादसे का मामला अदालत में विचाराधीन है। आरोप पत्र दाखिल हो चुका है, लेकिन आरोपी सुनवाई पर नहीं पहुंच रहे हैं।

पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस 19 अगस्त 2017 की शाम मुजफ्फरनगर के खतौली में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। जगत काॅलोनी के सामने ट्रैक टूटे होने के कारण ट्रेन की 11 बोगियां पटरी से उतरकर एक इंटर कालेज और ट्रैक किनारे बने घर में घुस गई थी। हादसे में 23 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 156 से अधिक लोग घायल हुए थे। यह मामला एसीजेएम द्वितीय कोर्ट में विचाराधीन हैं। कोर्ट ने आरोपियों को हाजिर होने के लिए समन भेजे गए हैं।

खतौली जीआरपी चौकी प्रभारी अजय कुमार ने आइपीसी की धारा 287, 337, 304बी, 427 और रेलवे एक्ट की धारा 151 व 153 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की जांच सीओ जीआरपी रणधीर सिंह को सौंपी गई थी। सीओ जीआरपी रूपेश सिंह और डाॅ. संतोष कुमार सिंह के बाद सीओ जीआरपी रहे रमेश चंद ने जांच पूरी। उनकी मदद के लिए जीआरपी थाना मुजफ्फरनगर प्रभारी अशोक कुमार व जीआरपी खतौली चौकी प्रभारी बॉबी कुमार को लगाया गया था। सीओ रमेश चंद ने तीन फरवरी 2019 को एसीजेएम द्वितीय कोर्ट में पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की थी।

– प्रदीप कुमार निवासी नकुड़, सहारनपुर ( तत्कालीन जेई रेलवे स्टेशन खतौली)
– इंद्रजीत सिंह निवासी प्रताप विहार, थाना विजय नगर, गाजियाबाद (तत्कालीन सेक्शन इंजीनियर)
– प्रियव्रत तनेजा निवासी विकासपुरी, नई दिल्ली, चीफ कंट्रोलर अधिकारी डीआरएम कार्यालय दिल्ली
– प्रकाश चंद निवासी शेखपुर, गागलहेड़ी सहारनपुर, रेलवे स्टेशन मास्टर खतौली
– बिजेंद्र सिंह निवासी भावनपुर मेरठ, हैमरमैन रेलवे स्टेशन खतौली