मुजफ्फरनगर। जनपद के नवागत डीएम आईएएस चन्द्रभूषण सिंह ने समस्याओं के समाधान और परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए पारदर्शी कार्यप्रणाली और जनसंवाद की व्यवस्था को लागू करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ को अर्थव्यवस्था के पैमाने पर काफी ऊपर लेकर जाने में उनको जनसंवाद से काफी सहायता मिली है। वह अब अलीगढ़ मॉडल की तर्ज पर ही मुजफ्फरनगर में भी वह जन शिकायतों के निस्तारण और सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए डीएम वार रूम स्थापित करेंगे। इसके साथ ही स्थलीय निरीक्षण और स्थलीय प्रवास का उनका अंदाज यहां भी देखने को मिलेगा। जिले के विकास और जनता के हितों की पूर्ति के लिए उन्होंने मीडिया का भी सहयोग मांगा है।

गुरूवार को आईएएस चन्द्रभूषण ने जिले के डीएम के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि जनसंवाद उनकी कार्यशैली की विशेष प्राथमिकता रहती है। उन्होंने कहा कि काफी अफसर छिपाने में विश्वास रखते होंगे, लेकिन मेरी आचरण ऐसा नहीं है। मैं पारदर्शी, निष्पक्ष और स्पष्ट कार्यप्रणाली वाला व्यक्ति हूं, कुछ भी छिपाने में विश्वास नहीं रखता हूं। उन्होंने कहा कि संवाद प्रशासन के लिए जरूरी होना चाहिए। यह संवाद जनता से, मीडिया से, जनप्रतिनिधियों से किसी से भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि मेरा विश्वास है कि संवाद के जरिये हम गंभीर से गंभीर समस्या को भी एक सुखद समाधान तक ले जाने में सफल हो सकते हैं। ऐसा अनुभव मैंने अलीगढ़ में तैनाती के दौरान किया है।

उन्होंने बताया कि अलीगढ़ में 3 साल 4 महीने और 10 दिन के कार्यकाल में कई बड़ी चुनौतियां मेरे सामने आई। सीएए एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन और एएमयू से चलाया गया आंदोलन काफी संवेदनशील रहा। इसके साथ ही राजा महेन्द्र प्रताप यूनिवर्सिटी के लिए भूमि अधिग्रहण भी बड़ी चुनौती थी, क्योंकि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया था कि यूनिवर्सिटी अलीगढ़ को तभी मिलेगी, जब प्रशासन भूमि का प्रबंध कर लें। आज हम जनसहयोग से इस यूनिवर्सिटी के लिए 100 एकड़ भूमि का प्रबंध करके आये हैं, जो भविष्य में इसके लिए किसी भी रूप में कम नहीं होगा। उन्होंने डिफेंस कारिडोर, ट्रांसपोर्ट नगर और निजी बस अडडे को शहर से बाहर करने के फैसले को भी बड़ा काम बताया। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ में हमने जन शिकायतों के निस्तारण और सूचनाओं के सुलभ आदान प्रदान के लिए डीएम वार रूम की व्यवस्था स्थापित की थी। ऐसी ही व्यवस्था यहां पर भी लागू करेंगे। कानून व्यवस्था शीर्ष प्राथमिकता पर रहेगी। शासकीय योजनाओं का कार्यान्वयन पारदर्शिता के साथ किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि वह संवाद को ज्यादा तरजीह देते हैं। जन शिकायतों के निस्तारण के लिए वह दो घंटे सभी अधिकारियों के साथ बैठक करते हैं और मौके पर आयी शिकायतों को तत्काल संबंधित विभाग व अधिकारियों को सौंपा जाता है। उन्होंने कहा कि संवाद फेल होने के कारण ही समस्याओं का जन्म होता है। शासकीय योजनाओं में समयब(ता और सही ढंग से लागू कराने पर जोर देत हुए उन्होंने कहा कि संवाद से ही अलीगढ़ में हमने कई बड़े विवादों को निपटज्ञरा कराया। उन्होंने कहा कि प्रशासन पब्लिक का ही है, मैं खुला हूं और अपनी सीमाओं में रहना हम जानते हैं, लेकिन जो इन सीमाओं को उल्लंघन करेगा, उसका उपचार भी हमें भली प्रकार आता है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था में जो भी रूटीन वर्क है, उसके लिए वह सुलभता के साथ परिणाम देने में विश्वास रखते हैं। विरासत सम्बंधी जो भी प्रकरण है, चाहे वह शस्त्र लाइसेंस का हो या सम्पत्ति का उनके निपटारे को प्राथमिकता मिलेगी, किसी की कोई सिफारिश की जरूरत नहीं है।