देहरादून। उत्तराखंड के नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा से सांसद अजय भट्ट भाजपा के बेहद वरिष्ठ और कर्मठ नेता हैं। वह मूल रूप से अल्मोड़ा के रहने वाले हैं। ब्राह्मण परिवार से आने वाले अजय भट्ट ने बेहद मुफलिसी का दौर भी देखा है।
अजय भट्ट का जन्म 01 मई, 1961 को अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में हुआ। उनके पिता का नाम स्व. कमलापति भट्ट और मां का नाम तुलसी देवी भट्ट था। बचपन में ही पिता का साया उठने के कारण उनका जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा।
परिवार का पालन पोषण करने के लिए वह एक किराये की छोटी सी सब्जी की दुकान चलाते थे। अजय भट्ट मेहनती, आत्मविश्वासी और जुझारु व्यक्ति रहे हैं। उन्होंने अल्मोड़ा कॉलेज से अपनी एलएलबी की पढ़ाई पूरी की और अपनी पहचान एक नामी और काबिल वकील के तौर पर कायम की। उनकी पत्नी पुष्पा भट्ट पूर्व में जज रही चुकीं हैं तथा वर्तमान में उच्च न्यायालय नैनीताल में अपर महाधिवक्ता के पद पर कार्यरत हैं।
शुरुआत से ही सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे अजय भट्ट का बचपन से आरएसएस से और फिर विद्यार्थी जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ाव रहा। अजय भट्ट 1980 में सक्रिय राजनीति से जुड़े। वे वर्ष 1985 से भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष व भाजपा कार्यसमिति के सदस्य बने।
संगठन पर उनकी पकड़ और कार्यशैली से प्रभावित होकर पार्टी ने उन्हें जल्द ही प्रदेश मंत्री और महामंत्री के पद की जिम्मेदारी सौंपी। राज्य निर्माण आंदोलन में अजय भट्ट की सक्रिय और अहम भूमिका देखने को मिली। डॉ. मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में उत्तरांचल राज्य प्रगति हेतु अजय भट्ट ने अल्मोड़ा में गिरफ्तारी दी तथा अयोध्या राम मन्दिर निर्माण के लिए दो बार गिरफ्तार भी हुए। अजय भट्ट उत्तरांचल संघर्ष समिति के प्रमुख सदस्य भी रहे।
वर्ष 1996 में पहली बार रानीखेत से चुनाव जीतकर उत्तर प्रदेश विधान सभा में रानीखेत क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। अजय भट्ट उत्तर प्रदेश विधान सभा में लोक लेखा समिति तथा विधान सभा की विशेषाधिकार समिति के सभापति का दायित्व भी निभा चुके हैं। 09 नवम्बर 2000 को उत्तर प्रदेश से पृथक राज्य उत्तरांचल ( वर्तमान नाम उत्तराखंड) बनने के बाद भट्ट अन्तरिम सरकार में मंत्री बने। बतौर मंत्री उनका कार्यकाल शानदार रहा।
स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उन्होंने सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाई। 2002 से 2007 तथा 2012 से 2017 तक रानीखेत विधान सभा का पुनः प्रतिनिधित्व कर उत्तराखंड विधान सभा में रानीखेत क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 18 मई 2012 से 15 मार्च 2017 तक उत्तराखंड विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष रहे। 2015 में अजय भट्ट को नेता प्रतिपक्ष के साथ-साथ सर्व सहमति से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की दोहरी जिम्मेदारी भी दी गई।
अजय भट्ट ने बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करने का कार्य किया। जिसका परिणाम यह रहा कि प्रदेश में भाजपा ने 57 सीटों पर परचम लहराकर सरकार बनाई। अजय भट्ट 2019 में 17वीं लोकसभा में नैनीताल-ऊधमसिंहनगर से पहली बार सांसद चुने गए। इस चुनाव में उन्होंने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जैसे दिग्गज को लगभग साढ़े तीन लाख वोटों से हराया तथा प्रदेश में सबसे ज्यादा मतों से जीतने वाले सांसद बने।
उन्होंने अपने उत्तर प्रदेश के विधायकी कार्यकाल में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैण्ड, थाईलैण्ड एवं उत्तराखंड के विधायकी कार्यकाल में संयुक्त राज्य अमेरिका की विदेश यात्रा भी की है। अजय भट्ट में विषय की समझ और उसे गंभीरता से सदन पटल पर रखने की कला है। वह संसद में उत्तराखंड के सड़क, स्वास्थ्य, पेयजल, शिक्षा और पलायन से जुड़े जरूरी मुद्दों को मजबूती से उठाते हैं। अजय भट्ट फेम इंडियादृएशिया पोस्ट के श्रेष्ठ सांसद सर्वे की विलक्षण कैटेगरी में आज भी प्रथम स्थान पर विराजमान हैं।